लखनऊ: शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर केन्द्र से लेकर राज्य सरकार गंभीर है। शिक्षकों के ज्ञान पर भी जब-तब सवाल उठने से विभाग की शुचिता पर सवाल उठने लगे हैं। मीडिया व सोशल मीडिया में भी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों का ज्ञान अक्सर हंसी का पात्र बनता है। ऐसे में विभाग शिक्षक भर्ती की ऐसी प्रक्रिया बनाना चाहता है कि बुनियादी शिक्षा में योग्य शिक्षक नियुक्त हों।
बीते दिनों प्रदेश सरकार सरकारी इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती लिखित परीक्षा से होने का निर्णय ले चुकी है। एलटी ग्रेड भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से करवाई जाएगी। वहीं माध्यमिक स्तर के सहायताप्राप्त स्कूलों में भी अभी तक शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा व साक्षात्कार से होता है। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग भी शिक्षक भर्ती की इसी प्रक्रिया को अपनाने पर विचार कर रहा है।
हालांकि शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद लिखित परीक्षा हो या न हो, इस पर एक राय नहीं बन पा रही है। कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)पास करना जरूरी है। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के लिए टीईटी पास करना जरूरी है। टीईटी एक तरह से प्रमाणित करता है अभ्यर्थी शिक्षक बनने योग्य है। इसके बाद लिखित परीक्षा होनी चाहिए या नहीं, इस पर विचार जारी है।
अभी तक प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती मेरिट से होती है। इसमें हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक व प्रशिक्षण की लिखित परीक्षा व प्रयोगात्मक परीक्षा के अंकों से शैक्षिक गुणांक निकाला जाता है और फिर इसी आधार पर मेरिट तैयार की जाती है। हालांकि बीते सालों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक टीईटी मेरिट से और 1.30 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन किया गया था।