फर्रुखाबाद: मानस सम्मेलन के दूसरे दिन मानव विद्वानों ने कहा कि बड़े भाग्य से हमें यह मानव शरीर मिला है। हमें इस शरीर को सत्कर्माें व ईश्वरीय साधना में लगाना चाहिए तभी यह मानव जीवन सफल होगा।
मोहल्ला अढ़तियान स्थित र्मिचीलाल के फाटक में संयोजक डाॅ०रामबाबू पाठक के सानिध्य में चल रहे मानस सम्मेलन में औरैया से आये नेत्रहीन मानस विद्वान स्वामी प्रेमदास ने कहा कि हमें संतों का सत्संग करना चाहिए। हम कितना भी छिपकर कर्म करें उसका फल तो हमें मिलना ही है। अच्छा कर्म करेंगे अच्छा फल मिलेगा, बुरा कर्म करेंगे बुरा फल मिलेगा। उन्होने कहा कि बड़े भाग्य से हमें यह मानव शरीर मिला है अतः हमें अपना ध्यान ईश्वरीय साधना व सत्कर्म मंे लगाना चाहिए। उन्होने एक भजन प्रस्तुत किया ‘‘ जीवन की गाड़ी चली जा रही है, उतरने की मंजिल करीब आ रही है‘‘।
झांसी से आये मानस मर्मज्ञ अरूण गोस्वामी ने भगबान श्रीराम के जन्म की कथा बताते हुए कहा कि श्रष्टि का अवतार मनु व सतरूपा से माना जाता है। जिन्हें ब्रह्मजी ने उत्पन्न किया था। मनु-सतरूपा ने भगबान विष्णु की सैकड़ों वर्ष तक तपस्या की। भगबान के प्रसन्न होने पर दोनों ने बर मांगा कि अगले जन्म मंे मेरे पुत्र के रुप में जन्म लें। राजा दशरथ व माता कौशल्या के यहां विष्णु अवतार श्रीराम ने जन्म लिया, और मनु सतरुपा को दिये गये वरदान को चरितार्थ किया। कानपुर से आये मानस मनोहर आलोक मिश्रा ने ‘‘माण्डवी, श्रुतिकीरति, उर्मिला कुंअरि लई हंकारि के‘‘ प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा कि जब भगबान श्रीराम का विवाह सीता के साथ निश्चित हो गया तो उन्हें राजा दशरथ ने बारात ले जाने के लिए निमन्त्रण पत्र कौशल्या, सुमित्रा व कैकई के मायके बालों को भेजे। समस्त अयोध्या की जनता और 33 करोड़ देवताओं को भी श्रीराम की बारात में जाने का निमन्त्रण भेजा गया।
कई करोड़ की बाराता अयोध्या से 1 दर्जन नदियां पार करके जनकपुर पहुंची। कई करोड़ की बाराता को देखकर राजा जनक परेशान हो गये। पिता को परेशान देखकर सीता की आंखों से दो आंसू टपके उससे रिद्धी-सिद्धी उत्पन्न हुई। सीता ने दोनो से बाराता के खाने-पीने का प्रबंध करने की आज्ञा दी। रिद्धी-सिद्धी ने कई करोड़ बारातियों को भोजन कराया। तब बारात का प्रबंध हो सका।
संचालन पं0 रामेन्द्र नाथ मिश्र व बीके सिंह तथा तबले पर संगत नन्द किशोर पाठक ने दी। इस दौरान अशोक रस्तोगी, रामवरन दीक्षित, रमाकान्त, अरूण प्रकाश तिवारी, अजय कृष्ण गुप्ता, दिवाकर लाल अग्निहोत्री, राधेश्याम गर्ग, सुजीत पाठक बंटू, अपूर्व पाठक, मधु गौड़, रजनी लौंगानी, महेश शुक्ला, नरेन्द्र गुप्ता, आलोक गौड़ तथा छबिनाथ सिंह सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।