फर्रुखाबाद : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त किए जाने के विरोध में शिक्षामित्रों का आंदोलन तीसरे दिन भी उफान पर रहा। तीसरे दिन महिला शिक्षामित्रो ने भी माइक से खूब भडास निकाली| वही बीजेपी जिलाध्यक्ष ने मौके पर जाकर कहा की सरकार बीच का रास्ता निकाल रही है| फ़िलहाल तीसरे दिन भी सरकार की कोई खबर नही आयी| शिक्षा मित्रो ने सिर में काली पट्टी बांधकर पर प्रदर्शन किया| वही यह भी कहा गया की शनिवार को वह कटोरा लेकर भीख मांग प्रदर्शन करेंगे| शुक्रवार को शिक्षामित्र विधालयों में पंहुचे और विधालय बंद करने का अनुरोध कर अधितर विधालय बंद करा दिये| नवाबगंज ब्लॉक में शिक्षामित्रों की टोली ने बाइकों से हुसैनपुर बांगर, नगला हीरा सिंह , नगला जोधा, जाफर नगर, नगला बारंग सहित कई प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की छुट्टी करा दी।अन्य ब्लॉकों में भी विद्यालयों में छुट्टी कराने को शिक्षामित्र पहुंचे। जब बीएसए कार्यालय पहुंचकर शिक्षामित्रों ने धरना शुरू हुआ तो महिला शिक्षा मित्रो ने माइक पर अपना दर्द कहा| उन्होंने कहा कि तीन दिन हो गए, सरकार ने अभी तक हम लोगों की कोई खबर नही ली|
शिक्षामित्र संघ अध्यक्ष ऋषिपाल सिंह यादव व शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग पांडेय ने कहा कि उन्हें पीएम मोदी व सीएम योगी से न्याय मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर के सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ ने भी उस समय हम लोगों का सहयोग करने का आश्वासन दिया था। शिक्षामित्रों की भर्ती की शुरुआत प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के समय शुरू हुई थी। कल्याण सिंह व राजनाथ सिंह के कार्यकाल तक लगभग 60 फीसद शिक्षामित्र नियुक्त हो चुके थे।
वही प्रदर्शन के दौरान बीजेपी के जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह,शैलेन्द्र राठौर के साथ धरना स्थल पंहुचे| उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों के हित में सरकार रास्ता खोज रही है। 36 हजार रुपये वेतन से 3500 रुपये वेतन पर आ जाना, यह संकट की घड़ी है।शिक्षामित्रो ने उन्हें ज्ञापन भी दिया| प्राथमिक शिक्षक संघ के नेता विजय बहादुर यादव ने भी कहा कि वह प्रदेश नेतृत्व से वार्ता कर रहे हैं। व्यक्तिगत रूप से वह शिक्षामित्रों के साथ हैं।