फर्रुखाबाद : बीते वर्ष शहर में हुए सांप्रदायिक विवाद के बाद दोनों पक्षों के तीन लोगों को एनएसए में निरुद्ध कर दिया गया था।जिसमे दो को तो जमानत मिल गयी जबकि एक आरोपी अभी तक जेल में ही है| जिसके चलते उसके परिजनों ने कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन कर उसे जेल से रिहा करने की मांग की|
13 अगस्त 2016 को मामूली विवाद के बाद दो पक्षों के कोतवाली में आमने-सामने आ जाने से बवाल हो गया था। कोतवाली में पथराव के बाद दुकानों में तोड़फोड़ भी की गई। इस मामले में एक पक्ष से राजेश मिश्रा व अंकित तिवारी को व दूसरे पक्ष से आमिर अली को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। बाद में पुलिस ने तीनों पर जेल में ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्रवाई का नोटिस सर्व करा दिया। इसी के बाद तीनों आरोपियों को सुरक्षा के लिहाज से प्रशासनिक आधार पर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में स्थानांतरित कर दिया गया। उच्च न्यायालय ने विगत 29 मई को आमिर का एनएसए को निरस्त कर दिया। विदित है कि न्यायालय के आदेश के बाद राजेश मिश्रा व अंकित तिवारी को विगत रिहा किया जा चुका है।
कोर्ट के आदेश के बावजूद रिहाई न होने से नाराज आमिर के परिजनों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में धरना शुरू कर दिया। धरने के दौरान आमिर के परिजनों ने पुलिस पर अन्य किसी केस में वांछित न होने की रिपोर्ट देने में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने और जानबूझकर विलंब किए जाने का आरोप लगाया। जिलाधिकारी रविन्द्र ने आमिर के पिता कमर मियां को अंदर बुलाकर मामले की जानकारी ली। इसके बाद जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक से वार्ता की।
इसके लगभग एक घंटे के भीतर रिपोर्ट जिलाधिकारी के पास पहुंच गई। डीएम ने रिपोर्ट पर अपना कबरिंग-लेटर लगाकर विशेष वाहक से जिला जेल भिजवा दिया। एसडीएम सदर आरसी यादव द्वारा रिपोर्ट भेज दिए जाने की सूचना दिए जाने के बाद आमिर के परिजन धरना समाप्त कर वापस चले गए। जिलाधिकारी ने बताया कि एक दो दिन में मऊ जेल में कागजात पंहुच जायेगे| जिसके बाद आमिर को रिहा कर दिया जायेगा|