फर्रुखाबाद: सपा की सरकार जाते ही जिले की कई व्लाक प्रमुख की कुर्सीयों पर संकट के बादल छा गये है| जिसका शुभारम्भ बढ़पुर व्लाक प्रमुख उर्मिला राजपूत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने से हो गयी| बुधवार को लगभग 56 बीडीसी सदस्यों ने जिलाधिकारी कार्यालय पंहुचकर अविश्वास पर हस्ताक्षर कर दिये| पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत ने बीते दिनों केन्द्रीय मंत्री उमा भारती से भी मुलाकात की थी| लेकिन शायद गोट ठीक से फिट नही हुई|
पूर्व व्लाक प्रमुख यशपाल यादव के भाई पूर्व जिला पंचायत सदस्य द्रगपाल यादव बॉबी ने एडीएम आरबी सोनकर को 56 बीडीसी सदस्यों के हस्ताक्षर कराकर अविश्वास प्रस्ताव सौपा| पूर्व में सपा सरकार की हनक के सामने उर्मिला राजपूत निर्विरोध चुनाव जीती थी| उर्मिला से पूर्व यशपाल यादव ने बीते 4 जनवरी 2013 को गुरुदीप को व्लाक प्रमुखी का चुनाव हराया था| यशपाल को 21 मत मिले थे व गुरुदीप को 11 मत मिले थे|
सपा की सरकार की हवा बदलने के दौरान यश पाल यादव की कुर्सी चली गयी| और 7 फरवरी 2016 को बढ़पुर से उर्मिला राजपूत,शमसाबाद से रानी देवी पत्नी विनोद, राजेपुर से सुबोध यादव, कायमगंज से सपा नेता कल्लू यादव की पत्नी गुड्डी देवी, नवाबगंज से डॉ अनीता रंजन को निर्विरोध जीत के प्रमाण पत्र दिये गये| कमालगंज से सपा प्रत्याशी राशिद जमाल सिद्दीकी चुनाव जीते तो वही मोहम्मदाबाद में सपा प्रत्याशी मोनिका निर्दलीय प्रत्याशी बब्बन दुबे से चुनाव हार गयी| जिससे सपा के हाथ से मोहम्मदाबाद की सीट चली गयी| कुल मिलाकर व्लाक प्रमुखी की राजनीति में सत्ता का बहुत योगदान रहा|
बुधवार को बढ़पुर व्लाक प्रमुख उर्मिला राजपूत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद अब जल्द ही कुर्सी पर बदलाब आने की सम्भवना है| द्र्गपाल यादव ने जेएनआई को फोन पर बताया कि फरवरी2016 के व्लाक प्रमुखी चुनाव में कुछ सपा नेताओ के दबाब में यशपाल चुनाव नही लड़े| लेकिन अब समय बदल गया है| बताते चले बढ़पुर विकास खंड में कुल 82 बीडीसी सदस्य थे| जिसमे एक की मौत हो गयी| अब 81 बीडीसी सदस्यों में मतदान होना है| लगभग 56 सदस्यों ने अविश्वास पर हस्ताक्षर भी कर दिये|