फर्रुखाबाद: जिला पंचायत अध्यक्ष सगुना देवी कठेरिया के पति पूर्व विधायक अजीत कठेरिया की कार्ययोजना अधिकतर लोगो को रास नही आयी| इसी का परिणाम है की गुरुवार को होने वाली अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग में सगुना की कुर्सी को संकट के बादल गहरा गये है| वही माना यह भी जा रहा है कि पुन: होने वाले मतदान में भी बीजेपी का कोई दबदबा नजर नही आ रहा है| जबकि पूर्व विधायक अपनी पत्नी की कुर्सी बचाने के लिये बीजेपी नेताओ की ही परिक्रमा लगा रहे है|
सांसद मुकेश राजपूत सगुना के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पक्ष में ही नही बताये जा रहे थे| लेकिन सपा नेताओ की योगी सरकार में भी खिचड़ी ठीक से पकती दिखायी दे रही है |जिले की सपा में भी अध्यक्ष पद को लेकर दो ग्रुप बन गये है| ताकतवर पक्ष अपने पर्याप्त जिला पंचायत सदस्यों के साथ गुरुवार को सगुना देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी लगभग पूरी कर चुका है| वही पूर्व सपा विधायक अजीत कठेरिया बीजेपी नेताओ की परिक्रमा करने में लगे है लेकिन उन्हें अब ना माया मिली ना राम वाला हिसाब नजर आ रहा है| बीजेपी के बड़े नेताओ से भी उन्हें कोई राहत नही मिली| एक तरफ कुआँ और दूसरी तरफ खाई पूर्व सपा विधायक को नजर आ रही है| देखना यह है की अब गुरुवार को होने वाले अविश्वास प्रस्ताव के मतदान में क्या निकल कर आता है|
बीते 7 अप्रैल को जिला पंचायत के 21 सदस्यों ने जिलाधिकारी को अविश्वास प्रस्ताव के हलफनामे सौप दिये थे | उधार की वैशाखियों पर टिकी जिला पंचायत में पिछले दो साल में हुए विकास कार्यो की जाँच भी होना संभव है| कुल मिलाकर अध्यक्ष की कुर्सी के पाए जमकर चरमरा गए है| जिला पंचायत में कुल 29 सदस्य है|