पत्नी के निलंबन से दुखी अधिवक्ता ने दे दी जान

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कानपुर: शिक्षिका पत्नी के निलंबन से परेशान फीलखाना थाना क्षेत्र में कमला टावर निवासी अधिवक्ता विनय कुमार सिंह ने आत्महत्या कर जान दे दी| विनय की पत्नी उमा यादव फर्रुखाबाद ब्लाक राजेपुर के नयागांव प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका है। पुलिस को मिले सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए अधिकारी, कर्मचारियों संग फर्रुखाबाद के विधायक व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनंत कुमार मिश्र अंटू को भी जिम्मेदार ठहराया है। विनय ने साफ लिखा है कि इन लोगों की अवैध धन वसूली ने तमाम जिंदगी बर्बाद कर दी हैं।

अधिवक्ता की बेटी गुंजन ने बताया कि मम्मी काफी दिनों से प्रयासरत थीं कि उनका तबादला कानपुर हो जाये लेकिन तीन माह पहले उन्हें निलंबित कर दिया गया था| इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री अनंत कुमार मिश्र से भी संपर्क किया गया था। गुंजन ने बताया कि बीते दिन मम्मी फर्रुखाबाद ड्यूटी पर थीं और वह बगल के कमरे में पढ़ रही थी। बाबा डॉ. आरपी सिंह उसी कमरे में सो रहे थे। पापा कचहरी नहीं गये थे। शाम पांच बजे करीब पापा के कमरे में मोबाइल बज रहा था लेकिन वह उसे उठा नहीं रहे थे। वह दूसरे रास्ते से कमरे में पहुंची तो पापा का शव पंखे से झूल रहा था।

उमा को घटना की सूचना नहीं दी गयी और सिर्फ जल्दी घर पहुंचने को कहा गया। देर रात वह घर पहुंचीं। आत्महत्या की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस साढ़े सात बजे तक लौट गयी। देर रात तक शव घर में रखा रहा, लेकिन न तो उसका पंचनामा किया गया था, न मौके पर पुलिस मौजूद रही|

विनय आत्महत्या करने के लिए पहले से तैयार था। यह बात उसके सुसाइड नोट से पता चली है। उसका सुसाइड नोट 18 जनवरी का लिखा हुआ है। सुसाइड नोट में लिखा है कि उसकी आत्महत्या एक हत्या न होकर सामाजिक व्यवस्था को बदलने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।

सुसाईड करने की क्या जरूरत थी, निलंबित ही तो हुई थी

रात साढ़े ग्यारह बजे घर आयीं उमा को जानकारी हुई तो वह बच्चों से लिपट कर रो पड़ी। उमा रोते हुए बोली, निलंबित ही तो हुए थे, नौकरी से बाहर तो नहीं हो गये थे, ये करने की क्या जरूरत थी।

असली सुसाइट नोट की तलाश

परिजनों ने सुसाइट नोट तो पुलिस को दिया लेकिन मूल प्रति का पता नहीं है। परिजनों का कहना है कि आत्महत्या से पहले अधिवक्ता ने शासन को फैक्स किया फिर मूल प्रति कहीं छुपा दी और अपने पास फोटो कापी रख ली क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं पुलिस उसे जब्त कर फाड़ न दे।
( साभार दैनिक जागरण )