फर्रुखाबाद: सेंट्रल जेल में बन रही जेल की दीवार की परिधि में वर्षो से अपने परिवार के साथ रह रहे दर्जनों दलितों के आशियानों पर संकट के बादल छा रहे है| आरोप यह है की किसी को भी बिना नोटिस दिये ही मकान तोड़ने का फरमान जारी कर दिया है|
सेन्ट्रल जेल से याकुतगंज मार्ग पर तकरीबन 30 दशक से दो दर्जन से अधिक दलित परिवार रह रहे है| कुछ के परिवारी जेल विभाग में सफाई भी करते रहे है| सड़क किनारे झोपडी बनाकर रह रहे दलित धर्मेन्द्र वाल्मीकि पुत्र छोटेलाल, रामकिशन पुत्र रामसहाय, मुन्नालाल पुत्र रामप्रसाद के साथ ही साथ दर्जन भर से जादा आशियाने तोड़ने के मौखिक निर्देश जेल प्रशासन की तरफ से दिये गये है|
जेल के कर्मचारियों के द्वारा अचानक मकान तोड़ने के फरमान के बाद से सभी में हड़कम्प मच गया है| गरीब दलित यह नही समझ पा रहे है की आखिर वह कहा जाये| पीड़ित आला अधिकारियो ने मिलने की तैयारी में है| इस सम्बन्ध में वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीपी त्रिपाठी ने बताया की उन्हें नोटिस देने की क्या आवश्यकता है| जब वो अबैध है योगी जी की सरकार है तो उन्हें लाठी मारकर खदेड़ दिया जायेगा|