फर्रुखाबाद: 14 फरवरी को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जनसभा में सपा में शामिल होने जा रहे पूर्व सांसद इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी सुशील शाक्य के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलेंगे। इसकी चर्चा जोरों पर है।
वर्ष 1993 में विधानसभा क्षेत्र मोहम्मदाबाद से विधायक बने मुन्नू बाबू ने वर्ष 1996 में बीजेपी से ही लोकसभा का चुनाव जीता था। 1999 व उसके बाद 2004 के चुनाव में वह फर्रुखाबाद से लोकसभा का चुनाव जीते थे। राजनीति की लम्बी पारी खेलने के बाद 2011 में विधानसभा चुनाव से पहले ही सपा का दामन छोड़कर कमल हाथ में थाम लिया था। बीजेपी में टिकट न मिलने और पार्टी में उपेक्षा के शिकार मुन्नूबाबू अब टिकट न मिलने का कारण बीजेपी के ही कुछ लोगों को मान रहे हैं। चर्चा तो यहां तक है कि मुन्नू बाबू विधानसभा का टिकट न मिलने में सबसे बड़ा रोड़ा अमृतपुर प्रत्याशी सुशील शाक्य को मान रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो मुन्नूबाबू ने अमृतपुर में अपने समर्थकों से सम्पर्क कर सुशील शाक्य का विरोध करने की भी शुरूआत कर दी है। अमृतपुर से सपा प्रत्याशी नरेन्द्र सिंह यादव को इस बार पूर्व सांसद मुन्नूबाबू का समर्थन प्राप्त हो रहा है। पहले से ही चुनावी दौड़ में विरोधियों को पीछे छोड़कर चल रहे नरेन्द्र सिंह यादव को इसका जबर्दस्त फायदा मिलेगा और बीजेपी प्रत्याशी सुशील शाक्य को मुन्नूबाबू का विरोध प्रभावित कर सकता है।