फर्रुखाबाद: समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के हाथ में जाने के बाद भले ही साइकिल की स्टेरिंग उनके हाथ में रह गयी हो लेकिन उसके कई कलपुर्जे दूसरी सड़कों पर दौड़ लगाते नजर आये। सीएम अखिलेश पूरे प्रदेश में सपा के साथ कांग्रेस गठबंधन की दम पर चुनाव लड़ाने के लिए पूरी ताकत झोंके हैं। लेकिन जो नेता पार्टी से बगावत करके उनके विरोध में चुनाव लड़ने के लिए खड़े हुए कहीं न कहीं उन पर पूर्व सपा सुप्रीमो का हाथ बताया जा रहा है। बागी हुए सपा नेताओं पर जिला स्तर से कार्यवाही की संस्तुति होने के बाद भी अभी तक प्रदेश कार्यालय ने कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की है।
सपा के अमृतपुर प्रत्याशी नरेन्द्र सिंह यादव के विरोध में चुनाव लड़ने के लिए मुलायम सिंह जिंदाबाद के नारे के साथ खड़े हुए प्रदीप यादव के नामांकन में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष रामसेवक यादव सहित कई सपा नेता शामिल हुए थे। जिसके बाद मीडिया के सवाल जबावों पर पार्टी के जिलाध्यक्ष नदीम फारुखी ने कुछ नामों को प्रदेश अध्यक्ष के पास कार्यवाही की संस्तुति के लिए भेजा था। संस्तुति रिपोर्ट भेजे हुए लगभग आठ दिन का समय गुजर जाने के बाद भी अभी तक पूर्व जिलाध्यक्ष रामसेवक यादव व उनके अन्य बागी सपा नेताओं पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।
सपा जिलाध्यक्ष नदीम फारुखी ने बताया कि बगावत करने वाले सपा नेताओं के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति कर रिपोर्ट नेतृत्व को कई दिनों पहले भेज दी थी। पार्टी से अभी कार्यवाही होने की कोई जानकारी नहीं है।