नई दिल्ली:सपा में इस समय हाहाकर मचा हुआ है। सुप्रीमो मुलायम सिंह ने आखिरकार बागी तेवर अख्तियार करने वाले अपने बेटे और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से 6 साल के निकाल ही दिया। मुलायम ने पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को भी पार्टी से बेदखल कर दिया है। दोनों को नोटिस जारी करने के कुछ ही देर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुलायम ने अपने सख्त तेवर दिखाते हुए दोनों को बाहर करने का ऐलान कर दिया। संभवत: यह पहली बार है कि किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को ही पार्टी ने बाहर निकाल दिया हो।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम सिंह ने कहा कि हमने पार्टी बचाने के लिए दोनों को 6 साल के लिए निकाल दिया है। जब उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं तो मुख्यमंत्री अलग से उम्मीदवार क्यों घोषित कर रहे हैं। इन दोनों पर कार्रवाई के अलावा मेरे पास कोई और रास्ता नहीं बचा था। मुख्यमंत्री अगर पार्टी विरोधी काम करेगा तो कैसे चलेगा। पार्टी हमारी प्राथमिकता है। हमारे लिए समाजवादी पार्टी प्राथमिकता है। हमें समाजवादी पार्टी बचानी है।
इससे बड़ी अनुशासनहीनता नहीं हो सकती। रामगोपाल अखिलेश का भविष्य खत्म कर रहे हैं। मुख्यमंत्री समझ नहीं पा रहे हैं। हमने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। इतिहास में किसी ने ऐसा किया कि अपने बेटे को मुख्यमंत्री बना दिया। मेरा स्वास्थ्य खराब है क्या। इन लोगों से ज़्यादा दौरा करता हूं। विशेष अधिवेशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक दिन में क्या अधिवेशन बुलाया जा सकता है? कम से कम 10 दिन का वक्त दिया जाता है। हमें पूछा भी नहीं, बताया भी नहीं। ऐसा कैसे हो जाएगा, कैसे एक दिन में सब आ जाएंगे। शिवपाल भी विधायक हैं। इन्हें भी पता नहीं। सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं से अपील है कि अधिवेशन में शामिल न हों। विशेष अधिवेशन हम भी बुलाते तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करते। न तो पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक हुई और ना ही कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। हमें पूछ लेते कि हम संसदीय दल की बैठक बुलाना चाहते हैं। इन्होंने चुनाव से पहले जानबूझ कर ऐसा किया।