दीसा:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नोटबंदी के फैसले को लेकर एक बार फिर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने फिर दोहराया कि नोटबंदी से शुरुआती दिनों में तकलीफें जरूर होंगी, लेकिन इसके दूरगामी फायदे होंगे। मोदी ने घपला-घोटाला करने वाले बैंककर्मियों और ब्लैकमनी रखने वालों को चेताते हुए कहा कि वो किसी हाल में बच नहीं पाएंगे।
मोदी गुजरात के डीसा में रैली कर रहे थे। इससे पहले नरेंद्र मोदी ने गुजरात के बनासकांठा में 350 करोड़ रपए के निवेश से बनी चीज फैक्ट्री का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने जनसभा को संबोधित किया विपक्षियों को निशाने पर लिया।
क्या-क्या कहा मोदी ने पढ़ें-
-अब आपका मोबाइल ही आपका पैसा बन गया है। अगर आपने E बटुआ कर लिया तो आपको बैंक की कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं है। बैंक आपके मोबाइल की कतार में खड़ा हो जाएगा। अब देश भ्रष्टाचार सहन नहीं करेगा, न जाली नोट, न काला धन।
-मैंने पहले ही कहा था कि 50 दिन तक कठिनाइयां रहने वाली हैं, लेकिन उसके बाद आप स्वयं देखेंगे कि स्थितियां किस तरह बेहतर हुई हैं। जिन लोगों को लग रहा है कि उन्होंने कोई खेल कर लिया है, वो बचने वाले नहीं हैं। एक दो महीने या 6 महीने, लेकिन सब धरे जाएंगे।
-आपने खुद देखा होगा कि किस तरह बैंक वाले पकड़े जा रहे हैं, लोग गड्डी के साथ पकड़े जा रहे हैं। इन्हें लगा था कि हम पिछले दरवाजे से पैसे ले जाएंगे, लेकिन इन्हें पता नहीं था कि मोदी ने पीछे भी कैमरे लगा रखे हैं। ईमानदार आदमी जो लाइन में खड़ा है, वो अपने लिए नहीं बल्कि देश के लिए खड़ा है।
-पार्लियामेंट नहीं चलने दी जा रही है। राष्ट्रपति जी जो स्वयं अनुभवी प्रशासक हैं, उन्होंने विपक्ष को नाम लेकर टोका। लोकसभा में मुझे बोलने नहीं दिया जाता इसीलिए मैंने जनसभा का मार्ग चुना है। मैं विपक्षी दलों से कहना चाहता हूं कि आप ये तो कहने की हिम्मत नहीं कर रहे हो कि 500 और 1000 के नोट वाला निर्णय रोलबैक कर लो। लेकिन आप ये तो कर सकते हो कि जैसे चुनाव में हम सभी इलेक्ट्रनिक वोटिंग मशीन के बारे में बताते हैं, वैसे ही बैंकिंग लोगों को सिखाएं। कुछ लोग कहते हैं कि ये निर्णय एक हफ्ते के लिए रोक लो। क्यों भला, ऐसा क्या जादू करने वाले हो?
-आजकल नोटों पर बहुत बात हो रही है। 8 तारीख से पहले केवल बड़ों की पूछ थी, केवल 1000 और 500 की। छोटों की पूछ थी क्या 100, 50 के नोट की? लेकिन अब छोटों की पूछ है, बड़ों को कोई देखता ही नहीं। देश का अर्थतंत्र नोटों के ढेर के नीचे दब रहा था। आतंकियों को ताकत मिलती है जाली नोटों से। आतंकियों को जहां से रास्ता मिलता था उसे रोकने में कामयाब रहे हैं। जितनी समस्या यहां हो रही है, उससे ज्यादा बाहर सीमा पार है। नक्सल भी समाप्त हो रहा है। आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापस आ रहे हैं।
-मैं ईमानदारों के साथ खड़ा हूं, लेकिन उन्हें भड़काने का काम हो रहा है। कुछ विद्वान लोग कह रहे हैं कि मोदी की स्कीम से हमारे क्या फायदा, मरने के बाद फायदा होगा? ये लोग आधुनिक चार्वाक बने हुए हैं।
-कालेधन और भ्रष्टाचार की वजह से भ्रष्ट लोगों को दिक्कत नहीं हो रही थी। पिछले 70 दिनों से इनकी वजह से ईमानदार आदमी को परेशानी झेलनी पड़ रही थी।
-मैं आप लोगों के बीच प्रधानमंत्री के रूप में नहीं बल्कि इस धरती की संतान के रूप में आया हूं। जब नया-नया सीएम बना था तो मेरा मजाक उड़ता था कि ये मोदी जो कभी चुनाव नहीं लड़ा, सरपंच नहीं बना, ये क्या करेगा। लेकिन मेरी पहली सभा इसी डीसा की भूमि पर हुई।