लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजधानी लखनऊ आकर दशहरा मनाने को ‘राजनीतिक स्वार्थ’ करार दिया और कहा कि बीजेपी को अब धर्म की राजनीति करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
वहीं, मायावती के कार्यक्रम स्थल के बाहर दो महिलाओं की मौत की भी खबर है। प्रशासन के मुताबिक गर्मी और उमस के कारण महिलाओं की मौत हुई। जब महिलाओं की मौत हुई तब मायावती का भाषण चल रहा है। मायावती की रैली के लिए आई ट्रॉली पलटने से धक्का मुक्की के बाद थोड़ी भगदड़ हुई। इसमें महिलाओं की मौत हो गई जबकि 11-12 लोग जख्मी हैं। डीएम सत्येंद्र सिंह यादव ने बताया कि गर्मी और उमस से महिलाओं की मौत हुई है। कुछ लोग बीमार हुए हैं जिन्हें अस्पताल भेजा गया है।
मायावती ने यहां बीएसपी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित एक रैली में कहा, ‘उरी के शहीद जवानों की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है लेकिन प्रधानमंत्री अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए लखनऊ में ही दशहरा मनाने आ रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि इसी स्वार्थ में वह (मोदी) दीवाली भी उत्तर प्रदेश में आकर मनाएं।
18 जवानों की शहादत के सम्मान में उनके परिवार वालों के दुख को अपना समझकर इस बार बीजेपी के लोगों को अपना दशहरा और दीवाली धूमधाम से मनाने की बजाय संजीदगी और सादगी से मनाना चाहिए था।’ मायावती ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते ही बीजेपी अपने राष्ट्रीय नेताओं, विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी को यहां लखनऊ के दशहरे के धार्मिक मेले में ले जाने को मजबूर हुई ताकि ये नेता भीड़ में अपनी पार्टी व सरकार की कुछ बातें धर्म की आड़ में रख सकें। बीजेपी को धर्म की राजनीति करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि मोदी 11 अक्तूबर को लखनऊ के ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला मैदान में होने वाले दशहरा मेला में शामिल होंगे। इसे लेकर बीएसपी सहित बीजेपी के विरोधी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और मोदी के आगमन को उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों से जोडा है। मायावती ने ना सिर्फ मोदी, बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बल्कि प्रदेश की सत्ताधारी सपा एवं कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला।
चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती ने कांशीराम स्मारक स्थल पर हजारों की संख्या में जुटे बीएसपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद कांशीराम की मूर्ति पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। उन्होंने सपा सरकार की भर्त्सना करते हुए कहा, ‘जब से उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनी है तब से यहां हर स्तर पर कानून का राज नहीं बल्कि गुंडों, बदमाशों, माफियाओं, अपराधियों, अराजक एवं सांप्रदायिक तत्वों, भ्रष्टाचारियों का जंगलराज चल रहा है। हत्या, चोरी, लूट, फिरौती, अपहरण, गुंडा टैक्स, महिलाओं का उत्पीडन, जमीनों पर कब्जे, दंगे एवं तनाव की वारदात अब चरम पर हैं।’
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर सपा सरकार के शासनकाल में गैर-कानूनी कार्य करने वालों, शातिर गुंडों, बदमाशों, माफियाओं, अपराधियों, अराजक एवं सांप्रदायिक तत्वों, भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी शिकंजा कस कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। मायावती यहीं नहीं रुकीं, सपा सरकार पर सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार पर प्रदेश की जनता का करोड़ो अरबों रुपया टीवी एवं अन्य मीडिया पर बेदर्दी से खर्च करने का आरोप मढते हुए कहा कि इसी धन को प्रदेश के गरीबों के उत्थान पर खर्च किया जा सकता था। सपा सरकार के समय विकास के जो भी थोड़े बहुत कार्य हुए, अधिकांश महत्वपूर्ण कार्यों की बीएसपी सरकार ने शुरुआत कर दी थी। इनमें लखनउ मेट्रो रेल और लखनउ-आगरा एक्सप्रेसवे प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि बीएसपी सरकार द्वारा शुरू की गयी अनेक जनहित योजनाओं में से सपा सरकार ने काफी योजनाओं का नाम बदलकर चला दिया। पार्कों, संग्रहालयों और स्मारकों के निर्माण को लेकर पूर्व में अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान विपक्षियों के निशाने पर रही मायावती ने आज स्पष्ट किया, ‘स्मारक और संग्रहालय बनाने के कार्य मेरी पूर्व की सरकारों में पूरे हो चुके हैं। अब पूरी ताकत जनता की सुरक्षा और विकास पर लगाएंगे।’