फर्रुखाबाद: फतेहगढ़ जेल से पेशी पर मेरठ गया आजीवन कारावास का मुजरिम नशे में धुत पुलिसकर्मियों को चकमा देकर सिटी स्टेशन से फरार हो गया। हथकड़ी समेत मुजरिम के फरार होने की सूचना से जीआरपी के होश उड़ गए। काफी तलाश के बाद भी मुजरिम का पता नहीं चला। तीनों पुलिसकर्मियों को हिरासत में ले कर पूंछतांछ चल रही है| वही एसपी राजेश कृष्णा ने हेडकांस्टेबल राम सिंह और दोनो सिपाहीयों को निलंबित कर दिया है|
थाना भावनपुर स्याल निवासी सतीश त्यागी ने सन 2005 में गांव के ही कुलदीप की हत्या कर दी थी। इसके अलावा उस पर जानलेवा हमले समेत लूट के कई मामले दर्ज थे। सतीश को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कोर्ट ने उसे हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद उसे मेरठ जेल से फर्रूखाबाद की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेजा गया था। मेडिकल थाना क्षेत्र के जानलेवा हमले के एक मामले में उसकी यहां एडीजे कोर्ट में सुनवाई चल रही है। बीते मंगलवार को उसकी पेशी के चलते फतेहगढ़द पुलिस लाइन से हेडकांस्टेबल राम सिंह, कांस्टेबल राजेश और शशिकांत उसे मेरठ लाए थे। पेशी के बाद शाम को वे उसे लेकर संगम एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन को निकले। रास्ते में किसी होटल में पुलिस वाले उसके साथ पार्टी करने लगे। शराब पी। यहां से वे उसे लेकर स्टेशन पहुंचकर ट्रेन में बैठ गए। शराब का नशा होने के चलते दोनों सिपाही लेट गए।
इस बीच सतीश त्यागी ने हेड कांस्टेबल राम सिंह से कुछ सामान खरीदने के लिए कहा तो वो उसे लेकर ट्रेन से नीचे आने लगा। रामसिंह नीचे उतरता इससे पहले ही सतीश उससे हाथ छुड़ाकर भाग निकला। हथकड़ी उसने अंगोछे से छिपा ली। रामसिंह के हलक से जब तक चीख निकली तब तक सतीश भीड़ का फायदा उठाते हुए फरार हो गया। राम सिंह ने इसकी सूचना जीआरपी को दी तो अफरा-तफरी मच गई। सतीश की तलाश की गई, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। वहीं, जीआरपी एसओ विनय कुमार ने इस घटना को सीमा विवाद में उलझा दिया। रेलवे रोड इंस्पेक्टर जनक सिंह पुंडीर ने बताया कि घटना जीआरपी थाना क्षेत्र की है कार्यवाही की जायेगी|
वही एसपी राजेश कृष्णा ने हेडकांस्टेबल राम सिंह, कांस्टेबल राजेश और शशिकांत को तत्काल प्रभाव सेनिलंबित कर दिया|