फर्रुखाबाद: ईद का त्योहार इंसानी बराबरी का पैगाम देता है। इस मौके पर लोग एक-दूसरे की खुशी में शरीक होते हैं। इस त्योहार को मनाने वाले अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों को ईदी और जकात देने की परंपरा का भी निर्वहन करते हैं। गुरुवार को इन्हीं बातों का खयाल रखते हुए लोगों ने ईद मनाई। हर तरफ उल्लास और उत्साह का माहौल रहा। मस्जिदों में हजारों लोगों ने नमाज अदा कर मुल्क की बेहतरी और अमन-चैन के लिए अल्लाह से दुआ मांगी।
नई ईदगाह व पुरानी ईदगाह पर नमाज अता करने के लिए मुसलिम समुदाय के हजारों लोग पहुंचे। ईदगाह के मौलाना मुफ्ति मुअज्जम व मौलाना जलील अहमद ने नमाज अदा करवाई। सभी ने देश में अमन-चैन की प्रार्थना की। नमाज अदा करने वाले रफीक, हारुन और बशीर ने बताया कि आज मुल्क में शांति और भाईचारे की सबसे बड़ी जरूरत है। सभी एक-दूसरे के साथ मिलजुल कर रहें, यहीं इंसान के लिए सबसे बड़ी नियामत है। उन्होंने ऊपर वाले से यही दुआ मांगी। सुबह आठ बजे से ईदगाहो मे नमाज अदा करने का सिलसिला शुरू हुआ। सभी ने अपनी-अपनी हैसियत के अनुसार गरीबों को दान दिया। इस मौके पर उन्हाेंने भाईचारे का संदेश दिया। कहा कि इंसानियत से पेश आना इंसान के लिए सबसे बड़ी बात है। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे से गले लग ईद की बधाइयां दीं।
ईद के बाद जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान और पुलिस अधीक्षक राजेश कृष्णा के साथ नगर मजिस्ट्रेट शिव बहादुर सिंह पटेल आदि अधिकारी ईद की मुबारकबाद देने पंहुचे| उन्होंने एक दुसरे को गले लगकर बधाईयाँ दी |