फर्रुखाबाद: सेन्ट्रल जेल में बैरक के अन्दर फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले कैदी ओगेन्द्र सिंह चौहान के मामले की जाँच करने आये डीआईजी जेल आरपी सिंह ने कहा कि कैदी के परिजन जो भी आरोप लगा रहे है उसकी भी विभागीय जाँच करा ली जायेगी| जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही होगी|
जेल में हुई आत्महत्या की जाँच करने आये डीआईजी दोपहर बाद सेन्ट्रल जेल पंहुचे| उन्होंने कई सम्बन्धित कैदियों के बयान दर्ज किये | इसके बाद वह जिला जेल गये| जिला जेल में उन्होंने जेएनआई से बातचीत में कहा कि कैदी ओगेन्द्र की रिहाई की प्रक्रिया चल रही थी| अब इस बात की भी जाँच करना जरुरी है की बीते एक वर्ष में किन-किन लोगो ने कैदी से मुलाकात की थी|
उन्होंने कहा आजीवन सजा के होने के बाद प्रदेश की लगभग सभी सेन्ट्रल जेलों की यही स्थित है| जादा तर सेन्ट्रल जेलों में आत्महत्या करने वाले कैदी की मनो दशा होती है कि अब वह रिहा नही हो पायेगे| इसके बाद वह कोई रास्ता न होने पर मौत का रास्ता चुनते है| कैदियों की इस भावना को बदलने का प्रयास किया जा रहा है| डीआईजी ने बताया कि अभी जाँच जारी है| गुरुवार को पुन: सेन्ट्रल जेल जाकर जाँच की जायेगी|