नई दिल्ली: यूपी चुनाव में सीएम पद की उम्मीदवारी पर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सवाल पूरी तरह काल्पनिक है। यूपी बीजेपी में नेताओं की कमी नहीं है। हम तो एक जगह हैं ही। दरअसल, इससे पहले पार्टी सूत्रों के हवाले से खबरें आई थीं कि बीजेपी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के चेहरे को आगे रखकर राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी का मानना है कि उत्तर प्रदेश में सत्तासीन समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती के मुकाबले अनुभवी चेहरे के रूप में राजनाथ सिंह को पेश किया जा सकता है। इसी संबंध में मतदाताओं को स्पष्ट संदेश देने के लिए उन्हें राज्य में प्रचार समिति की कमान भी सौंपी जा सकती है।
हालांकि इस मामले में फिलहाल अंतिम फैसला नहीं किया गया है, और इलाहाबाद में होने वाली पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के दौरान इस पर चर्चा हो सकती है, लेकिन कार्यकारिणी के लिए बनाए गए पोस्टरों में राजनाथ के चेहरे को अहमियत दी गई है, और गौरतलब है कि सहारनपुर की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
यूपी में रैलियों को संबोधित करते दिख रहे हैं राजनाथ
इसके अलावा राजनाथ सिंह ने हाल ही में अमरोहा में किसानों की एक रैली को संबोधित किया था, और गुरुवार को भी उन्होंने मऊ में किसानों को संबोधित किया। राजनाथ सिंह ने ही 24 अप्रैल को सारनाथ से ‘धम्म चेतना यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था, जिसका समापन लखनऊ में 14 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
सूत्रों ने बताया है कि राज्य में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम पर अभी चर्चा होना बाकी है, लेकिन इस बात के आसार हैं कि राजनाथ सिंह को पेश किया जा सकता है। चुनाव प्रचार के लिए तय किए जा रहे कार्यक्रमों में भी पीएम और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा राजनाथ सिंह की कई रैलियां आयोजित करने का विचार है।
पहले भी रह चुके हैं यूपी के मुख्यमंत्री
राजनाथ सिंह इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मौजूदा समय में केंद्रीय कैबिनेट में नंबर दो की हैसियत रखने वाले राजनाथ राज्य में पार्टी के सबसे कद्दावर नेता हैं, क्योंकि कल्याण सिंह को राजस्थान का राज्यपाल बनाया जा चुका है।
फैसला लेने में यह है दिक्कत
राज्य में विकास, भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था के मुद्दों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही बीजेपी का मानना है कि राजनाथ का चेहरा पार्टी को राज्य में फायदा दिला सकता है, हालांकि पार्टी के एक हिस्से का यह भी मानना है कि राजनाथ को सामने करने से ब्राह्मण मतदाता खफा हो सकते हैं, इसीलिए उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने का फैसला नहीं किया गया है, बल्कि पार्टी के प्रचार का प्रमुख चेहरा बताया जाएगा। वैसे, चर्चाएं यह भी हैं कि राजनाथ सिंह स्वयं भी मुख्यमंत्री प्रत्याशी के रूप में प्रोजेक्ट किए जाने को लेकर उत्साहित नहीं हैं, और इसलिए भी उनका चेहरा पेश करने का फैसला नहीं हो पाया है।