नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में जवाहर बाग में हुई हिंसा के बाद आज रामवृक्ष यादव के वकील मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने दावा किया है कि जवाहर बाग के दौरान हुई हिंसा में राम वृक्ष यादव की मौत नहीं हुई थी। रामवृक्ष यादव हिंसा के दौरान सिर्फ घायल हुआ था, जिसे कई लोगों के द्वारा हिंसा के वक्त पुलिस लाइन की तरफ से भागते देखा गया। इसके साथ ही वह दावा कर रहे हैं कि इसकी क्लिप भी है, लेकिन उन्होंने वो क्लिप अपने पास मौजूद होने से मना भी किया है।
वहीं पुलिस का दावा है कि जवाहर बाग में भड़की हिंसा में रामवृक्ष की मौत हो गई है, जिसकी तस्वीरें पुलिस ने मीडिया को दी थीं। अगर देखा जाए तो पुलिस द्वारा दी गई मृत राम वृक्ष की तस्वीर और जिंदा रामवृक्ष की तस्वीर में अंतर नजर आया है। रामवृक्ष यादव का अगर जिंदा फोटो देखें तो उसका चेहरा लंबा था और सिर के बाल कुछ कम थे, लेकिन मृत रामवृक्ष के फोटो में चेहरा गोल और सिर पर बाल ज्यादा थे।उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में जवाहर बाग में हुई हिंसा के बाद आज रामवृक्ष यादव के वकील मीडिया से रूबरू हुए।
वहीं रामवृक्ष यादव के वकील का यहां तक भी कहना है की रामवृक्ष यादव की बेटी ने उसकी शव की पहचान करने की मांग की थी, जिसकी जानकारी रामवृक्ष के मेरे द्वारा (अधिवक्ता तरुण गौतम द्वारा) कमिश्नर और जिले के अधिकारियों को देने की कोशिश की गई। मगर किसी ने मेरी बात नहीं सुनी और कथित सत्याग्रही राम वृक्ष के शव को जला दिया गया। गौरतलब है कि मथुरा के जवाहरबाग में हुई हिंसा में 24 लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे। इसमें दो पुलिस अधिकारी भी शहीद हो गए।