फर्रुखाबाद:(राजेपुर ) कहने को तो प्रदेश में समाजवाद है प्रदेश की पुलिस कानून और समाज का कितना ध्यान रखती है यह कही ना कही पर सामने आ ही जाता है| इसका सजीव नजारा तब देखने को मिला जब एक दुष्कर्म का प्रयास किये जाने वाली पीड़ित मासूम को पहले तो पुलिस ने थाने से उसे भगा दिया| मिडिया कर्मियों के संज्ञान में मामला आने के बाद पुलिस हरकत में आयी तो वह जाँच की बात करने गयी| आरोप है की पहले पुलिस ने बलात्कार के प्रयास का मुकदमा दर्ज करने के लिये 20 हजार रूपये मांगे और जब रुपये नही दिये तो पुलिस ने दबाब बनाकर सुलाह करा दी|
पहले मामला समझ ले| 18 मई को थाना क्षेत्र के ग्राम गौटिया निवासी 6 वर्षीय मासूम अपनी माँ के साथ नानी के घर आयी थी| मासूम पीडिता की नानी ने थाने में दी तहरीर में कहा है की उसकी पुत्री और नातिन घर आये हुये थे| बीती रात गर्मी होने के चलते परिजन बाहर सो रहे थे| वही उनकी नातिन भी सो रही थी| देर रात पड़ोसी सीया राम उर्फ कल्लू का पुत्र दीपू आकर उसकी चारपाई पर लेट गया और उसके साथ छेड़छाड के साथ ही बलात्कार करने का प्रयास किया|जब वह चीखी तो परिवार के लोग जाग गये दीपू मौके से भाग गया| घटना की सूचना लेकर पीड़ित मासूम को लेकर उसकी माँ और नानी जब थाने पंहुची तो मौके पर मौजूद मुंशी और पुलिस कर्मियों ने यह कहकर भगा दिया की तुम झूठ बोल रही हो| जिसके बाद उन्हें थाने से भगा दिया गया|
पीड़ित मासूम की माँ का आरोप है की पुलिस ने उसे जबरन दबाब बनाकर सलाह पत्र पर हस्ताक्षर करा लिये| इसके बाद जब उसने हस्ताक्षर करने को मना किया तो कहा की 20 हजार रुपये दो तभी मुकदमा लिखेगा| गरीब के पास खाने को नही तो वह 20 हजार कहा से देगी| फ़िलहाल यह साफ है की इस घटना के बाद से पुलिस का यह घिनौना चेहरा जरुर सामने आ गया है| पहले पुलिस जाँच करने की बात कह रही थी| जाँच इस बात की नही की जा रही थी की आखिर बच्ची के साथ बलात्कार करने का प्रयास करने वाला युवक कहा है| घटना के पीछे कारण क्या थे| पुलिस जाँच इस बार से कर रही थी आखिर इस बलात्कार की घटना को झूंठ कैसे साबित किया जाये| पुलिस ने मासूम का मेडिकल क्यों नही कराया| पुलिस आरोपी दीपू को बीते तीन दिन से थाने में बैठाये है|
इस सम्बन्ध में थानाध्यक्ष राजेपुर ने बताया की इस तरह के मामले होते ही रहते है| किसी ने रुपये नही मांगे है| आरोप गलत है|सुलाह करा दी गयी है|