उज्जैन:मध्य प्रदेश के उज्जैन में आज शाम आंधी और हवा के साथ हुई तेज बारिश ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र में इंतजामों को ध्वस्त कर दिया। मंगलनाथ जोन में कई पंडाल गिर गए। यहां पंडाल गिरने से छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि 30 से ज्यादा श्रद्धालुओं के घायल होने की खबर है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है। मिली जानकारी के मुताबिक कुछ लोग बिजली गिरने से भी मारे गए हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। फिलहाल मौके पर राहत बचाव काम जारी है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है।
इस घटना पर मेला प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सिंहस्थ में हालात पूरी से नियंत्रण में है। साथ उन्होंने बताया कि यहां पंडाल संतों ने खुद ही लगवाए थे। बिजली गिरने से कोई हादसा नहीं हुआ है। आंधी तूफान से कुंभ में कई पंडाल गिर गए हैं और कुछ श्रृद्धालुओं की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए हैं। मौके पर राहत बचाव काम जारी है।
आंधी और बारिश के बाद शहर में खासकर मेला क्षेत्र में अफरा-तफरी के हालात बन गए हैं। बारिश से पंचकोसी यात्रियों के रात्रि विश्राम की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। उज्जैन के कलेक्टर कविंद्र कियावत के अनुसार शहर में अब हालात सामान्य हैं। उनके अनुसार एक शख्स की ही मौत हुई है।
करीब साढ़े चार बजे बादल घिरने के साथ जोरदार बारिश से सिंहस्थ के प्रबंध देखने वालों को सकते में डाल दिया है। बारिश के बाद खासा गंदा पानी शिप्रा नदी में मिल गया। इसे देखते हुए 6 मई को अमावस्या के अवसर पर होने वाले पर्व स्नान को लेकर मुश्किलें बढ़ गई हैं। पांच बजे बाद हवा-आंधी के साथ उज्जैन में झमाझम बारिश हुई। गरज के साथ बादल बरसे। तेज हवा से सिंहस्थ मेला क्षेत्र में कई तम्बू हवा में उखड़ गए। इस्कान का पंडाल भी धराशाई हो गया। इसी बीच रामघाट पर ड्रेनेज की लाइन फूटने से शहर का गंदा पानी शिप्रा में मिलने लगा।
इस समय कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं था। पर्व स्नान के एक दिन पहले ही शिप्रा में इस तरह गंदा पानी मिल जाने से लोगों के सामने स्नान करना कठिन हो गया है। बारिश के कारण पुलिस कैंप में भी हालात बिगड़े हैं। कहीं टेंट उड़ गए तो कहीं अंदर रिसाव हो रहा है।