अतिक्रमण की अति: जिम्मेदार कौन….पुलिस, व्यापारी, प्रशासन या पालिका?

CRIME FARRUKHABAD NEWS POLICE जिला प्रशासन

atikrmanफर्रुखाबाद: नगर क्षेत्र में किस बात की समस्या नहीं है, गली हैं पर टूटी हुईं, नालियां हैं पर कीचड़ से भरीं, सफाई कर्मचारी हैं मगर काम नहीं करते। आदेश तो हुए मगर उन पर अमल नहीं। कागजों में तो काम हो गया मगर हकीकत में नहीं हुआ। बीते एक दिन पूर्व ही शहर में अतिक्रमण अभियान चलाने के बाद नगर पालिका को हिदायत दी गयी कि शहर में दोबारा अतिक्रमण न किया जाये। जिस पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। बताते चले लालसराय सब्जीमण्डी को पानी की टंकी के नीचे लगाने के आदेश भी तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट भगवानदीन वर्मा ने किये थे। लेकिन अपनी आदतों से मजबूर कर्मचारियों की मिलीभगत से शहर में सब्जी मण्डी सड़क पर लग रही है और अतिक्रमण पुनः पहले से कई गुना अधिक हो गया है।

विदित हो कि सिटी मजिस्ट्रेट शिव बहादुर व क्षेत्राधिकारी नगर योगेश कुमार सिंह के नेतृत्व में लाल दरवाजे से लेकर चौक तक अतिक्रमण हटाओ अभियान छेड़ा गया। कई घंटो तक नगर पालिका की जेसीबी का डीजल फुका, अधिकारी धूप में अतिक्रमण हटाते नजर आये लेकिन हुआ क्या स्थिति पुनः बद से बदतर हो गयी। लालदरवाजे से शुरू करें तो शहर में धड़ल्ले से टैक्सियां प्रवेश कर रहीं हैं। टैक्सियों के प्रवेश पर पुलिस अधीक्षक ने रोक लगाने का आदेश दिया था। और आगे बढ़ें तो सड़क पर सब्जीमण्डी प्रति मिनट जाम की गवाह बन रही है। वहीं शहर के नेहरू रोड, रेलवे रोड, लोहाई रोड, घुमना आदि जगहों पर दुकानदारों ने पहले से कई गुना अधिक अतिक्रमण कर रखा है। बल्कि बीते एक दिन पूर्व जब अतिक्रमण हटाया जा रहा था तो अधिकारियो के जाते ही पुन: अतिक्रमण कर लिया गया|

लालदरवाजे से सब्जीमण्डी को पानी की टंकी के नीचे लगवाने का प्रयास प्रशासन का पहले ही विफल रहा या नगर पालिका की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। लालसराय पानी की टंकी के नीचे जगह भी साफ करायी गयी और अधिकारियों की नजरों में नगर पालिका ने अपनी बची खुची इमेज बचाने के चक्कर में कुछ सब्जी विक्रेताओं से जुर्माना भी वसूला थाऔर पुनः न लगाने की हिदायत भी दीथी । इसके बावजूद भी अगर अतिक्रमण सड़क पर बढ़ रहा है। सब्जीमण्डी पुनः सड़क पर लग रही है तो इसका जिम्मेदार कौन है।

वहीं दूसरी तरफ शहर के दुकानदारों ने भी मौका देखकर अपनी दुकानें छिपकली की जीभ की तरह सड़क पर कई फुट बढ़ा लीं। लेकिन नगर पालिका के कर्मचारी आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हैं या उनकी मिलीभगत से शहर में अतिक्रमण कराया जा रहा है। वही अतिक्रमण ह्टाने के दौरान खुद व्यापार मंडल सबसे बड़ा रोड़ा बनता है जिसके चलते अक्सर प्रशासन को बैक फुट पर आना पड़ता है|

व्यापारमंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ ने बताया कि वह अतिक्रमण हटाने का विरोध नही करते| उनका विरोध अनावश्यक तोड़फोड़ का है| जो दुकानदार फुटपाथ घेर कर बैठे है उन्हें प्रशासन तत्काल हटा दे उसका कोई विरोध नही करता|