लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली सस्ती हो गई है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने सोमवार को बिजली के बिलों पर लागू 2.84 प्रतिशत सरचार्ज को खत्म करने की घोषणा कर दी। अब सूबे के डेढ़ करोड़ से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को अप्रैल महीने का बिजली बिल कम देना पड़ेगा। आयोग ने सूखे को देखते ग्रामीण अनमीटर्ड कनेक्शनों पर भी 10 प्रतिशत सरचार्ज वसूलने का आदेश अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है। इससे बुंदेलखंड और सूखाग्रस्त जिलों को काफी राहत मिली है।
विद्युत नियामक आयोग ने बिजली बिल पर लगने वाले दोहरे रेग्युलेटरी सरचार्ज से उपभोक्ताओं को राहत दी है। आयोग ने रेग्युलेटरी सरचार्ज प्रथम को खत्म करने का आदेश आज जारी कर दिया। दरअसल प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं से मौजूदा समय में दोहरा रेग्युलेटरी सरचार्ज लिया जा रहा था। रेग्युलेटरी सरचार्ज प्रथम और द्वितीय। उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे सूबे के डेढ़ करोड़ से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
पावर कॉरपोरेशन की चारों बिजली कंपनियों के उपभोक्ताओं पर रेग्युलेटरी सरचार्ज प्रथम अलग-अलग लागू है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में सबसे ज्यादा 2.84 फीसदी। एक हजार रुपये पर करीब 28 रुपये, दक्षिणांचल में 1.14 फीसदी। एक हजार पर 11 रुपये, पूर्वाचल के 1.03 फीसदी। मध्यांचल के बिजली उपभोक्ताओं को 0.73 फीसदी सरचार्ज देना होता है। एक हजार रुपये पर हर महीने करीब 7 रुपये। दूसरा रेग्यूलेटरी सरचार्ज 2.38 फीसदी सभी बिजली कंपनियों के उपभोक्ताओं पर लागू है।
आयोग के अध्यक्ष देशदीपक वर्मा ने बताया कि एक अप्रैल से रेग्युलेटरी सरचार्ज प्रथम को खत्म माना जाएगा। उन्होंने बताया कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन राजस्व वसूली और लाइन लॉस के लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम रहा है। इसलिए उपभोक्ताओं से दोहरा रेग्युलेटरी सरचार्ज वसूलने का उसे कोई अधिकार नहीं है।