नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में साफ कर दिया कि वह कोहिनूर हीरे की वापसी की मांग नहीं कर सकती। सरकार ने कहा कि 1849 में कोहिनूर ईस्ट इंडिया कंपनी को महाराजा दिलीप सिंह ने बतौर उपहार दिया था।
सुनवाई के दौरान संस्कृति मंत्रालय की ओर से कोर्ट में जवाब दिया गया कि महाराजा दिलीप सिंह ने सिख युद्ध के बाद बतौर हर्जाना ईस्ट इंडिया कंपनी को कोहिनूर दिया था। कोहिनूर ऐसी चीज नहीं है जिसे भारत से चुराया गया हो। केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में साफ कर दिया कि वह कोहिनूर हीरे की वापसी की मांग नहीं कर सकती। सरकार ने कहा कि 1849 में कोहिनूर ….
इस नियम के तहत भारत वापस नहीं ला सकता कोहिनूर हीरा
इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या आप इस केस को खारिज करना चाहते हैं। इससे आप भविष्य में इस पर कानूनी क्लेम करने में दिक्कत होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर विदेश मंत्रालय को 6 हफ्ते के भीतर एफिडेविट दाखिल करने को कहा है।वहीं सरकार के इस रुख पर दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने सरकार पर निशाना साधा है। कपिल ने ट्वीट किया कि सरकार अपना बयान वापस ले।