नई दिल्ली:एनजीटी द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग पर पांच करोड़ जुर्माना लगाए जाने के मामले में आज फिर सुनवाई हुई। इस दौरान एनजीटी ने जुर्माना नहीं देने के श्री श्री रविशंकर के बयान पर हैरानी जताई। एनजीटी के आदेश के मुताबिक आर्ट ऑफ लिविंग को आज ही जुर्माना भरना है।
सुनवाई के दौरान एनजीटी ने एओएल से पूछा कि मीडिया में आई खबरों के मुताबिक क्या आपकी ओर से ऐसा बयान आया था कि हम जुर्माना नहीं देंगे, हम जेल जाने को तैयार हैं। एनजीटी ने कहा कि श्री श्री रविशंकर का जुर्माने पर जो बयान मीडिया द्वारा उसके सामने आया है, वैसी हमें उम्मीद नहीं थी। श्री श्री रविशंकर का कद बहुत ऊंचा है। इसपर एओएल का कहना था कि हमने कहा जरूर था, लेकिन उसका मतलब दूसरा था। एनजीटी द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग पर पांच करोड़ जुर्माना लगाए जाने के मामले में आज फिर सुनवाई हुई। इस दौरान एनजीटी ने जुर्माना नहीं देने के श्री श्री रविशंकर के बयान पर हैरानी जताई।
एनजीटी ने एओएल से पूछ कि क्या आप जुर्माना देंगे, इस पर एओएल का कहना था कि हम अदालत के आदेश से बाध्य हैं। आर्ट ऑफ लिविंग ने एनजीटी को बताया है कि उसकी संस्था कानून के मुताबिक एक ट्रस्ट है। साथ ही एनजीटी ने एओएल से पूछा कि हमारे आदेश के मुताबिक क्या एओएल को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी या केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण एजेंसी के निर्देश प्राप्त हुए हैं। ये भी पूछा कि क्या आपको मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर से 2.5 करोड़ मिले हैं या नहीं, इस पर एओएल ने कहा कि हम पता करते हैं।