नारी मै कोमल हूँ लेकिन कमजोर नही

EDITORIALS FARRUKHABAD NEWS

NISHA TIVARIफर्रुखाबाद:आज की नारी का संसार चुनौती भरा जरुर है पर आज उसमे चुनौतिओ से लड़ने का साहस आ गया है यह तो तय है कि आज की नारी पहले की तुलना में कही ज्यादा आजाद है कुछ आज़ादी इन्हें समाज ने दी तो कुछ उन्हों ने अपनी काबिलियत के बल पर खुद ही हासिल की है| अपनी प्रतिभा के बल पर यह साबित किया है की नारी अब किसी भी कार्य में कमजोर नहीं है| परिवार व अपने भविष्य दोनों में तालमेल बैठा तो आज की नारी का कौशल काबिले तारीफ है फिर भी कुछ लोग यह कहते है कि आज की नारी शसक्त नहीं है| ऐसी मानसिकता वाले लोगो के लिए मै कुछ कहना चाहती हूँ| यह मत भूले नारी कोमल है कमजोर नहीं :शक्ति का नाम ही नारी है|
जग को जीवन देनें वाली मौत भी इससे हारी है |

चुनौतियों का हंसकर स्वागत करने वाली नारी आज हर छेत्र में अपना नाम कर रही है आज की नारी सीमा सुरक्षा, स्टेशन कंट्रोलर, ट्रेन चालक,से लेकर आसमान नापने व समुद्र की गहराइयो में जाने तक पुरुषो से कही आगे आ रही है| टेसी थॉमस देश की पहली महिला है जिन्होंने देश के मिसाईल कार्य को देखरेख किया है इन्हें मिसाइल वुमैन के नाम से भी जाना जाता है इन्हों ने अपनी मंजिल के सामने किसी की परवाह नहीं की नारियो की आज़ादी की मिसाल कायम करती इन नारियो को कौन नहीं जानता आज यह कामयाब है| पर ऐसा नहीं है कि इनकी राहे बहुत आसन थी लेकिन इन्होने और इनकी जैसी हजारो लाखो महिलाओ ने हर रुकवाट का अपने तरीके से सामना किया और अपना रास्ता खुद बनाया|

वही आजाद होकर उन्होंने दूसरी महिलाओ के लिए भी आज़ादी की राहे खोलने का प्रयास किया| लेकिन अभी भी अगर कोई यह कहता है की नारी ससक्त नहीं है तो मेरी समझ से वह बुद्धहीन है| लोगो से मै यह कहना चाहती हूँ की यह मत भूले किसी बात में कम तो नहीं| सारे अधिकारों की अधिकारी है|| और कोमल है कमजोर नहीं| शक्ति का नाम ही नारी है|| सभी जानते है की जब परीक्षा होती है तो मीडिया की पहली खबर यही होती है की बालिकाओ ने फिर मारी बाज़ी

सामाजिक और राजनितिक स्तर पर की जा रही पहलों का ही नतीजा है की आज परिवारों में बालिकाओ का स्वागत किया जाने लगा है| नारीओ को ससक्त करने और उनकी सुरक्षा करने के लिए केंद्र ने सभी केंद्र शासित प्रदेशो के पुलिस फाॅर्स में नारीओ को 33 प्रतिशत, नौकरियों में आरक्षण देने का निर्देश दिया है| कल तक भावात्मक रूप से कमजोर नारिया आज आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बन रही है| कुछ एक स्थानो पर बदलाव की जरुरत है लेकिन इस का मतलब यह नहीं की सरकार ही सब कुछ करे हम सब को मिलकर इस दिशा में कार्य करने है यह बदलाव खुद की सोच में होना चाहिए क्योकि सोच बदलेगी तभी देश बदलेगा |
निशी तिवारी
नेकपुर चौरासी (कक्षा-11)