फर्रुखाबाद: (दीपक शुक्ला)एक्साइज ड्यूटी बढ़ाए जाने व नए कानून के खिलाफ पिछले कई दिनों से जारी सराफा व्यापारियों की हड़ताल का असर शादी ब्याह में दिए जाने वाले उपहारों पर दिख रहा है। अाभूषण की बिक्री बंद होने के कारण लोग वर वधु को उपहार स्वरुप अब नकद राशि या पुराने गहने ही दे रहे हैं। नजदीकी लोग वर काे अंगूठी, चेन व वधु को पायल-बिछिया आदि जेवर भेंट करते हैं। सराफा व्यापारियों की हड़ताल से अाभूषण की बिक्री बंद चल रही है। यहां तक कि जिन लोगों ने शादी के लिए पहले से जेवरात नहीं बनवाए थे, उन्हें भी परेशान होना पड़ रहा है। लोग हड़ताल खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।
जेवर खरीदना चाहा तो कोई बेचने तैयार नहीं हुआ : फतेहगढ़ भूसा मंडी निवासी रामकिशोर ने बताया कि आज उनके एक दोस्त की शादी है। उनकी पत्नी पूजा जब वधु को बिछिया लेने के लिए ज्वेलर्स गईं तो पता चला कि दुकान बंद है। कुछ परिचित सराफा व्यापारियों से बात की तो वे भी जेवर देने तैयार नहीं हुए। जब शादी में पहुंचे तो अन्य परिचित लोगों ने भी यही बात कही कि जेवर नहीं मिल पा रहे हैं। इसलिए उपहार स्वरुप नकद राशि दी है।
गंगा नगर कालोनी निवासी प्रभु शंकर ने बताया की बीते दिन वह बहनोई चन्द्र प्रकाश की पुत्री गौरी के विवाह में शामिल होने गये थे| वह नेहरू रोड और फतेहगढ़ की कई दूकानों पर गये लेकिन उन्हें जेबर नही मिला तो बाद में पत्नी के लिये खरीदी गयी सोने की चेन की देनी पडी| नेकपुर निवासी लालता प्रसाद ने बताया की वह भी उपहार में जेबर देने के लिये खरीददारी करने के लिये भटक रहे है| कई दिनों से परेशान है लेकिन उन्हें जेबर हड़ताल होने के कारण नही मिल पा रहा| मंगलवार को सराफा व्यापारियों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ नारेवाजी की और हड़ताल भी अनिश्चित कालीन हो गयी है|
कारीगरों पर रोजगार का संकट
हड़ताल का एक दूसरा पहलू यह भी है कि शहर के उन 5 हजार से ज्यादा कारीगरों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हाे गया है जो कि जेवर की उजाल पॉलिस, सोने की छिलाई, कटाई व गलाई का काम कर रहे हैं। यहां बंगाली परिवार भी जेवर तैयार करने का काम कर रहे हैं। सराफा कमेटी के हरिश्चन्द्र वर्मा ने बताया की ज्यादातर सराफा व्यापारी भाजपा से जुड़े हुए हैं। हमारी मांग है कि इस कानून को वापस लिया जाए। राष्ट्रव्यापी इस हड़ताल के चलते पूरे जिले में जेवर की बिक्री बंद है। वही करोड़ो रुपये प्रतिदिन का नुकसान हो रहा|