फर्रुखाबाद:(राजेपुर) थाना अमृतपुर क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक में बैंक मित्र के पद पर कार्यरत ग्राहक सेवा केंद्र संचालक अर्जुन सिंह पुत्र गंगा सिंह निवासी उजरामऊ के खिलाफ ग्राहकों के लाखो रुपये गबन कर लिये जाने में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये गये है| लेकिन पुलिस और बैंक मैनेजर की मिली भगत के चलते गला फंसता देख बैंक ने ग्राहकों के खाते में धनराशि भेज दी| लेकिन व्याज देने में कतरा रही है|
विदित है की बीते दो वर्ष से बैंक मित्र के पद पर कार्यरत अर्जुन सिंह बीते कई महीनों से ग्राहकों को ठगी का शिकार बना रहा था| ग्राहक बलवीर सिंह ने बीते दिनों हुये तहसील दिवस में शिकायत कर एसडीएम को अवगत कराया था| बलवीर सिंह ने बताया की उसने 86 हजार रुपये जमा किये थे| बैंक मित्र अर्जुन सिंह ने उससे रुपये लेकर उसे रसीद भी दी| लेकिन रुपये ना तो खाते में आये और ना ही किताब में लिखे गये| राजेपुर निवासी संजय पुत्र फुलसिंह ने बताया की उसने विभिन्य तिथियों में बैंक मित्र के माध्यम से 35 हजार रुपये जमा किये| रुपये की रसीद भी मिली और किताब पर भी चढाये गये लेकिन खाते में नही आये| इसके अलावा बताया गया है की अर्जुन ने अन्य कई बैंक के ग्राहकों के रुपये का गबन किया है| घटना का संज्ञान लेते हुये एसडीएम अमृतपुर हबलदार सिंह ने थानाध्यक्ष अमृतपुर को आरोपी बैंक मित्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये है| लेकिन एसडीएम के आदेश मिलने के बाद भी थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज नही किया|
वही ग्राहक बलवीर के खाते में 86 हजार और ग्राहक संजय के खाते में 30 हजार रुपये डाल दिये| और उनके तीन महीने के व्याज भी देने से मना कर दिया गया| मजे की बात यह है की एक ओर एसडीएम का आदेश और दूसरी तरफ आरोपी बैक मित्र के द्वारा रुपये गबन किये जाने के बाद किसी अन्य के द्वारा रुपये वापस किये जाने के बाद आरोपी पर मुकदमा दर्ज नही किया गया है|
थानाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश ने बताया की जब रूपया वापस हो गया तो मुकदमा दर्ज करने की बात ही नही है|