लखनऊ. बीते 4 दिनों से चल रहे सैफई महोत्सव में आखिरकार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज पहुचे. अखिलेश को सैफई महोत्सव का उद्घाटन करना था मगर उनके ऐन वक्त पर वहां न पहुँचने से सियासी हलको में कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए थे.
26 दिसंबर से शुरू हुए सैफई महोत्सव को समाजवादी पार्टी के मुखिया के पारिवारिक उत्सव के रूप में हमेशा से देखा जाता रहा है. जब पार्टी सत्ता में होती है तब यह महोत्सव और भी शबाब पर होता है. इसकी भव्यता ने कई बार सरकार को आलोचना के कटघरे में भी खड़ा किया है. मगर इस बार सैफई महोत्सव दूसरी वजहों से चर्चा में आ गया.दरअसल 26 दिसंबर से शुरू होने वाले इस आयोजन से ठीक एक दिन पहले अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले आनंद भदौरिया और सुनील सिंह साजन को मुलायम सिंह ने सीधे पार्टी से बर्खास्त कर दिया था| सपा सुप्रीमो के इस अचानक लिए फैसले से अखिलेश यादव को धक्का लगा. भदौरिया और साजन अखिलेश के करीबिओं में शुमार होते हैं. इन पर पंचायत चुनावो में मुलायम द्वारा तय किए गए अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के विरोध की खबरे मुलायम सिंह तक पहुची थी.
इसके बाद ही अखिलेश ने सैफई न जाने का फैसला किया. जब उद्घाटन में अखिलेश नहीं पहुचे तब समाजवादी परिवार में अंतर्कलह की चर्चा शुरू हो गयी|. अखिलेश दुसरे दिन भी सैफई से दूर रहे. इसके बाद आयोजन के कर्ता धर्ता सांसद धर्मेन्द्र यादव और तेज प्रताप यादव लखनऊ पहुँच गए फिर शिवपाल सिंह यादव के साथ वे अखिलेश से मिलने गए| .लम्बी चर्चा के बाद भी अखिलेश ने अपनी दूरी बनाये रखी|. फिर यह कयास लगाया गया की मुख्यमंत्री अपनी आगरा यात्रा के बाद सैफई पहुंचेंगे मगर अखिलेश आगरा से सीधे लखनऊ चले आये.इस बीच सपा में विधायक रूचि वीरा सहित कई बड़े नेताओं को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. सता संतुलन की कवायद चलती रही और आज अंततः अखिलेश यादव सैफई पहुंचे.
अखिलेश के आज सैफई पहुचने के बाद अब तक बेरौनक दिखाई दे रहे सैफई महोत्सव में कुछ जान आने की संभावना है. मगर जानकारों का कहना है की अखिलेश इस साल सैफई महोस्तव से दूरी बनाये रहेंगे जिससे उनके आलोचकों को मौका न मिल सके.