नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ टेलीफोन पर धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने वाले चर्चित निलम्बित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ने का फैसला किया है। मीडिया खबरों के अनुसार अमिताभ ठाकुर ने अपने इस कदम के बारे में शासन को भी जानकारी देने का फैसला लिया है। अमिताभ ने यह फैसला एस.एम. मुशरिफ के उस बयान के बाद लिया है जिसमें मुशरिफ ने आरएसएस को आतंकी संगठन बताया था।
अमिताभ ठाकुर ने मुशरिफ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि मैं जितना भी आरएसएस को जानता हूं, यह राष्ट्रीय सोच और निश्चित सांस्कृतिक विचारों का एक सामाजिक संगठन है। अपने फेसबुक पेज पर अमिताभ ने लिखा कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत एक सामाजिक संगठन को आतंकवादी संगठन बताना एक निंदनीय कार्य है जो आतंक के वास्तविक खतरों से भटकाने का सीधा प्रयास है और हमारे देश और समाज के लिए खतरनाक है। एक पूर्व टॉप-कॉप के इस कथन की प्रतिक्रिया स्वरुप मैंने खुले तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ सम्बद्ध होने का निर्णय किया है और राज्य सरकार को इस सम्बद्धता के विषय में सूचित कर रहा हूँ।निलम्बित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ने का फैसला किया है।
इससे पहले अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जॉइन करने का ऐलान कर चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि राजनीति में आने के फैसले का मुख्य कारण है कि मैंने अपने सामाजिक कार्यों के दौरान यह अनुभव किया कि वृहत्तर स्तर पर समाज की सेवा कर पाने और अपनी बात को अधिक प्रभावी ढंग से एक राजनीतिक पार्टी के मजबूत संबल की बहुत अधिक जरूरत है।
गौरतलब है कि अक्सर अपनी जनहित याचिकाओं के जरिये सरकार के सामने मुश्किलें खड़ी करने वाली नूतन के पति आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने गत जुलाई में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव पर टेलीफोन करके धमकाने की शिकायत पुलिस से की थी। उसके फौरन बाद उन्हें कर्तव्य के प्रति लापरवाही तथा अन्य आरोपों में निलम्बित कर दिया गया था। बाद में अदालत के निर्देश पर यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।