नई दिल्ली:दाऊद इब्राहिम को पालने वाले ही उसकी मौत प्लान कर रहे हैं। खुफिया विभाग को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई दाऊद से पिंड छुड़ाना चाहती है। इसके लिए वो कभी भी उसे ठिकाने लगा सकती है।
भारतीय खुफिया सर्विस के एक एजेंट ड्यूटी को इस्लामाबाद से 20 किलोमीटर आगे एक खास मकान की ओर जाना था। भोभन हिल का ये इलाका इस्लामाबाद-मूरी रोड पर था। उसे एक खास घर की निगरानी करनी थी। ये घर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का सेफ हाउस था। यहां रह रहा था भारत का अपराधी, 1993 के मुंबई सीरिलय ब्लास्ट का मुजरिम, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम।
इस स्पॉटर यानि किसी खास इंसान की निगरानी करने वाले एजेंट ने इस घर पर नजरें गड़ा लीं थीं। अचानक घर से गाड़ियों का काफिला निकला। उनमें से एक गाड़ी में दाऊद इब्राहिम था। उसे आईएसआई के उस सेफ हाउस से बाहर ले जाया जा रहा था। भारतीय स्पॉटर ने बताया कि पाकिस्तान में दाऊद के लिए ऐसे कम से कम 9 ठिकाने हैं। वो वक्त और जरूरत के हिसाब से वहां बसता रहा है। अगले दो महीनों तक एक नहीं ऐसे कई स्पॉटर्स ने इस खास घर की निगरानी की। एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक इन जासूसों ने चौंकाने वाली जानकारियां दीं।
अखबार का दावा है कि भारतीय एजेंसियों ने इस घर की निगरानी में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। बताया गया है कि भारतीय स्पॉटर्स ने दो महीने तक इस घर की तरफ जाने वाली सड़क पर नजर रखी। घर के मुख्य दरवाजे की चौबीसो घंटे निगरानी की गई। घर में आने-जाने वाली गाड़ियों के नंबर नोट किए गए। घर में रहने वाले या काम करने वाले हर इंसान के टेलीफोन नंबर और मोबाइल नंबर निकाले गए। घर की रखवाली में कितने गार्ड्स तैनात हैं, ये देखा गया। घर की बाउंड्री की ऊंचाई कितनी है, ये भी आंका गया।
अखबार का दावा है कि भारत में बैठी एक विशेष टीम सारे फोन कॉल्स सुन रही थी। बातचीत सुनते हुए इस टीम के कान खड़े हो गए। उन्हें लग गया कि दाऊद इब्राहिम के बुरे दिन आने वाले हैं। दाऊद अब पाकिस्तान का मेहमान नहीं बल्कि आईएसआई का कैदी है। करीब बीस साल तक उसकी रखवाली के बाद अब उसे ठिकाने लगाया जा सकता है, क्योंकि पाकिस्तानियों को डर है कि अगर दाऊद जिंदा भारत के हाथ लग गया तो पाकिस्तान आतंकवादी मुल्क के ठप्पे से बच न पाएगा।
कहा जा रहा है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार के आने के बाद से ही दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में दिन बदलने लगे। छोटा राजन के भारत लाए जाने के बाद दाऊद के सिर पर मौत मंडराने लगी है। उसे अब तक सरपरस्ती देने वाले हाथ ही उसकी गर्दन पर कसने लगे हैं। क्योंकि अब पाकिस्तान को ये लगने लगा है कि छोटा राजन की मदद से दाऊद की पाकिस्तान में मौजूदगी साबित करने में भारत को ज्यादा देर नहीं लगेगी। अगर ऐसा हो गया तो पाकिस्तान न सिर्फ अमेरिका बल्कि संयुक्त राष्ट्र की नजरों से भी बच नहीं सकेगा। दोनों के लिए दाऊद इब्राहिम एक घोषित आतंकवादी है जिसके सिर पर ईनाम भी है।
अखबार के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस बात का पूरा अंदेशा है कि आईएसआई दाउद इब्राहिम को मार दे और इस मौत को सामान्य मौत की शक्ल दे, हत्या का अंदेशा तक न हो। दाऊद पर नजर रख रहे एक सूत्र ने अखबार को बताया कि पाकिस्तान से इंटरसेप्ट की गई फोन कॉल्स से पता चल रहा है कि वो शायद दाऊद को ठिकाने लगा दें, क्योंकि उसे बचाए रखने के चक्कर में पूरी दुनिया के सामने उसकी कलई खुल सकती है। इसके अलावा अब आईएसआई को दाउद की और जरूरत भी नहीं बची। दाउद इब्राहिम अब पाकिस्तान के लिए बोझ बन चुका है।