लखनऊ|| राज्य के विपक्षी दलों ने कहा है कि ब्लाक प्रमुख चुनाव में सत्तारुढ़ बसपा ने ‘बैलेट’ पर ‘बुलेट’ को तरजीह देकर लोकतंत्र का जनाजा ही निकाल दिया है। प्रमुख विपक्षी दल सपा के साथ भाजपा तथा कांग्रेस ने बसपा सरकार पर चुनाव में जमकर धांधली करने का आरोप लगाया है।
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने आरोप लगाया कि ब्लाक प्रमुख चुनाव में बसपा समर्थित प्रत्याशियों को जिताने के लिए मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेश को अराजकता की आग में झोंकने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मतदान के मौके पर कई स्थानों पर बसपा नेता तथा गुंडों ने सपा समर्थकों पर गोलियां चलाई।
पुलिस और जिला प्रशासन ने प्रदेश के मंत्रियों के साथ हिंसात्मक गतिविधियों में भागीदारी निभाई। जगह-जगह बसपाइयों ने हिंसा, लूट व अपहरण का तांडव किया। उन्होंने कहा पार्टी ने मंगलवार को ही राज्य निर्वाचन आयोग तथा राज्यपाल से चुनाव में जबरदस्त धांधली और बूथ कैप्चरिंग की आशंका जताई थी, पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
हाईकोर्ट ने भी स्थानीय पुलिस बल को मतदान केन्द्रों से अलग रखने को कहा था, लेकिन इस सरकार ने तानाशाही रवैये के चलते उस आदेश को भी दरकिनार कर दिया। सपा ने कहा कि सरकार के इस रवैये से प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्यपाल को तत्काल हस्तक्षेप कर इस सरकार को बर्खास्त करने की कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय निर्वाचन आयुक्त को इन चुनावों में सत्तारूढ़ दल के सदस्यों को निर्विरोध जिताने के लिए सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग की जाच करानी चाहिए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही ने बसपा पर पंचायत चुनाव में दबंगई करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जीत बसपा की नहीं बल्कि सत्ता की दादागिरी की हुई है। इतनी बड़ी संख्या में निर्विरोध निर्वाचित हुए ब्लाक प्रमुख सरकारी दबंगई का ही नतीजा है।
उन्होंने प्रदेश में लोकतंत्र समाप्त होने की बात भी कही। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने कहा सत्तारुढ़ बसपा ने चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग तथा हिंसा का सहारा लेकर चुनाव को ‘हाईजैक’ करने की कोशिश की है। श्रीवास्तव ने कहा है कि बीडीसी सदस्यों के अपहरण, धमकी, धनबल के सहारे सत्तारुढ़ दल ने ब्लाक प्रमुख के चुनाव में भी जबरिया कब्जा करने की कोशिश की गयी।।