लखनऊ: विधानसभा में गुरुवार को मीडिया कर्मियों पर लगातार हो रहे हमलों की गूंज सुनाई दी और विपक्ष ने आरोप लगाया कि पत्रकारों पर होने वाले हमलों को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही। शामली में ‘दैनिक जागरण ‘ कार्यालय पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार राज्य मंत्री रियासत राणा की बर्खास्तगी की मांग भी उठी और सरकार के रवैये से असंतुष्ट बसपा, कांग्रेस व रालोद ने सदन से बहिर्गमन किया।
विधान सभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि गुंडे अखबार के दफ्तरों में घुसकर हिंसा कर रहे हैं, पर पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है। मीडिया कर्मियों पर होने वाले हमले शर्म की बात है। लोकतंत्र के चौथे खंभे को अपना काम करने से रोकने के लिए हिंसा का सहारा लिया जा रहा है। कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर ने भी पत्रकारों पर हमले की निंदा की।
इसी बीच भाजपा के सुरेश राणा शामली में जागरण के दफ्तर में अराजकतत्वों द्वारा तोड़ फोड़ व हिंसा करने का मुद्दा उठाने लगे। भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुरेश खन्ना ने कहा कि यह हमला एक राज्य मंत्री के बेटे ने किया है इसलिए राज्य मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए। कांग्रेस के पंकज मलिक ने भी रियासत राणा को पद से हटाने की मांग की।
पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अंबिका चौधरी ने विधान सभा अध्यक्ष से कहा कि प्रश्न प्रहर पूरा हो जाए फिर वह जैसा मुनासिब समझें, निर्णय कर लें। नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या ने आरोप लगाया कि सरकार पत्रकारों पर हमले को गंभीरता से नहीं ले रही है जिसके विरोध में बसपा बहिर्गमन करती है। बसपा के साथ ही कांग्रेस व रालोद सदस्य भी सदन से बाहर चले गए।