डेस्क: जनधन योजना की सफलता के बाद सरकार लोगों तक पैन कार्डों को फटाफट उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही मेगा प्रोग्राम लांच करने की तैयारी में है। योजना ने अमलीजामा पहना तो महज 48 घंटों के अंदर आवेदक को स्थायी खाता संख्या यानी पैन कार्ड मिल जाया करेगा।
सरकार ने बजट में एलान किया था कि एक लाख रुपये से अधिक की खरीददारी या बिक्री दोनों केलिए पैन नंबर आवश्यक होगा। यह और बात है कि इसको लेकर चिंता जताई गई थी कि हर किसी के लिए यह संभव नहीं होगा। वजह यह है कि सभी के पास पैन कार्ड नहीं होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो यह संख्या बहुत ज्यादा है।
सूत्रों के अनुसार पैन जारी करने की ऑनलाइन सुविधा पर काम हो रहा है। इसके तहत आवेदक को सिर्फ 48 घंटों के अंदर पैन मिल जाएगा। इसके अतिरिक्त ग्रामीण इलाकों के साथ देश भर में विशेष शिविर लगाए जाएंगे और लोगों को पैन कार्ड बनवाने में मदद की जाएगी। देश में करीब 24-25 करोड़ परिवार हैं। अब तक करीब 21 करोड़ पैन कार्ड जारी हुए हैं। इनमें से करीब 7.5 लाख कॉरपोरेट्स के पास हैं।
वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने हाल ही में स्वीकार किया था कि बहुत से लोगों के पास पैन नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि सरकार पैन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया यथासंभव आसान बनाएगी। यदि हर किसी को प्रधानमंत्री जनधन योजना से जोड़ा जा सकता है तो निश्चित ही पैन कार्ड भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
पैन 10 अंक का अल्फान्यूमरिक नंबर होता है, जिसे आयकर विभाग लैमिनेट कार्ड के रूप में जारी करता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पैन कार्ड बनवाने के लिए मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआइसी) और आधार को ‘जन्म तिथि’ के लिए वैध प्रमाण बनाते हुए एक नोटिफिकेशन जारी किया था। पैन कार्ड की जरूरत इनकम रिटर्न भरने, किसी निश्चित सीमा से ज्यादा राशि में कोई अचल संपत्ति, मोटर व्हीकल इत्यादि खरीदने या बेचने के लिए पड़ती है।
आवास विकास कॉलोनी फर्रुखाबाद स्थित लोकवाणी/जन सेवा केंद्र के प्रबंधक यतीश मिश्रा ने बताया कि पैन कार्ड नंबर जल्दी प्राप्त करने की सुविधा उनके केंद्र पर उपलब्ध है| सभी डेटा ऑनलाइन करने के चार से पांच कार्यदिवस में नया पैन कार्ड नंबर इंटरनेट पर उपलब्ध हो जाता है|