बगदादी के बाद अब कौन संभालेगा IS की कमान?

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albadaidiनई दिल्ली:रेडियो ईरान के मुताबिक आईएस सरगना अबू अल बगदादी की मौत हो गई है। अगर ये खबर सही है तो आईएस के लिए ये सबसे बड़ा झटका होगा और उसके खिलाफ मोर्चा ले रही सेनाओं के लिए सबसे बड़ी कामयाबी।

इसी साल मार्च में अमेरिका की अगुवाई में यहां जो हवाई हमला किया गया, उसमें बगदादी को गंभीर चोटें आई थी। पहले यह चोट बगदादी के लिए जानलेवा साबित हो रही थी लेकिन पिछले कुछ दिनों में उसकी सेहत में सुधार देखा गया था। ऐसा बताया जा रहा है कि गंभीर रूप से घायल होने के चलते बगदादी अपने गुट की गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा था।

अगर बगदादी के मारे जाने की खबर सही है तो आईएस के लिए आने वाले दिन भारी पड़ सकते हैं। उसकी हालत ठीक वैसी हो सकती है जैसी ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अलकायदा की हो गई है। बगदादी आईएस की मुख्य धुरी रहा है और उसने खुद को खलीफा घोषित करने के बाद इस संगठन पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली थी। अगर उसकी मौत की खबर सही है तो आईएस के लिए मैदान पर जमे रहना मुश्किल हो जाएगा।

बगदादी वो नाम है जिसने दहशत के साथ आईएस को दुनिया के सबसे क्रूर आतंकी संगठन के तौर पर स्थापित कर दिया। बगदादी के नाम पर ही भारी संख्या में युवा आईएस से जुड़े और मरने मिटने को तैयार हो गए। बगदादी ने वो कर दिखाया जो लादेन तो क्या इससे पहले कोई नहीं कर सका। बगदादी की अपील पर यूरोप तक से युवा इराक-सीरिया पहुंच गए।

कौन है बगदादी ?

बगदादी का जन्म इराक के समारा शहर में 1971 में हुआ था। बगदादी अपने शहर में धार्मिक कार्यकर्ता था। 2003 में अमेरिका ने इराक पर हमला किया तो धार्मिक तकरीरें देने वाला बगदादी इस कदर तिलमिलाया कि अमेरिका विरोधी आतंकवाद की दुनिया में शामिल हो गया। यहां से उसके आतंकी बनने का सफर शुरू हुआ।

एक वक्त था जब ISIS अलकायदा का ही एक हिस्सा हुआ करता था। 2006 में अमेरिकी और इराक की सेना ने मिलकर अलकायदा का खात्मा कर दिया था। इराक से अमेरिकी सेना के हटते ही 2011 में अलकायदा ने दोबारा सक्रिय होना शुरु किया। फरवरी 2014 में आईएसआईएस अलकायदा से बाहर आ गया और अपनी अलग पहचान बनाने में जुट गया। पिछले साल 2014 में इसने अपना नाम आईएस कर लिया।

अब आगे क्या?

अगर बगदादी की मौत हो गई है तो अब आईएस की कमान कौन संभालेगा। क्या उसे भी खलीफा घोषित किया जाएगा। आईएस को ऐसा नेता चाहिए होगा जो हर बात पर खरा उतरे। उसमें ना सिर्फ संगठन क्षमता हो बल्कि धर्म का भी गहरा ज्ञान हो। क्या आईएस को ऐसा नेता मिल पाएगा। किसी समय आईएसआईएस की ओर से उमर अल सिंसासी को बगदादी के उत्त राधिकारी बनाने का फैसला किया गया था, पर बात अधूरी रह गई थी। उमर विदेशी लड़ाकों के साथ बेहतर तालमेल बनाने में माहिर था, लेकिन धर्म से जुड़ी बातों में उसका ज्ञान सीमित था। ऐसे में देखना है कि क्या उमर आईएस की कमान संभालेगा या किसी और आतंकी को ये जिम्मेदारी दी जाएगी।