नई दिल्ली:आपने जबसे होश संभाला होगा तबसे यही सुना होगा कि तंबाकू खाने से कैंसर होता है। लेकिन आपको सुनकर थोड़ी हैरानी होगी कि किसी भी भारतीय सर्वे और शोध में इस बात की पुष्टि नहीं होती कि तंबाकू खाने से कैंसर होता है। गौरतलब है कि 1 अप्रैल से तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर छपने वाली चेतावनी खत्म हो रही है।
देशभर के कई तंबाकू उत्पाद निर्माता कंपनियों ने इस वैधानिक चेतावनी का विरोध किया है। वहीं इन तंबाकू निर्माता कंपनियों का दवाब संसदीय कमेटी पर भी साफ देखने को मिला। संसदीय पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत का कोई भी शोध ये नहीं साबित करता है कि तंबाकू उत्पादों के सेवन से कैंसर होता है।
तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी का फोटो बड़ा नहीं होना चाहिए, और उत्पादों से चेतावनी हटनी चाहिए क्योंकि भारत का कोई भी शोध ये नहीं साबित करता है कि तंबाकू उत्पादों के सेवन से कैंसर होता है। संसदीय पैनल के अध्यक्ष दिलीप गांधी ने कहा है कि तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी की फोटों को बड़ा करने से पहले सरकार को भारतीय शोध बात पर ध्यान रखना चाहिए। गांधी महाराष्ट्र से बीजेपी सांसद हैं। गांधी का दावा है कि तंबाकू उत्पाद से कमाई राज्य और केंद्र सरकार के स्वास्थ्य बजट से भी ज्यादा होती है गांधी ने कहा कि हमें इस बात का खयाल रखना चाहिए कि मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, में 4 करोड़ से ज्यादा लोग बीड़ी बनाने के काम से जुड़े हैं।
गौरतलब है कि दुनियाभर में भारत में मुंह के कैंसर के सबसे ज्यादा 75000-80000 मरीज हैं। डब्ल्यूएचओ की संस्था की रिपोर्ट की मानें तो भारत में दस लाख 45 हजार करोड़ रुपए का तंबाकू उत्पाद का कारोबार है। जोकि भारत सरकार और राज्य सरकारों के स्वास्थ्य बजट के कुल खर्च से भी 12 फीसदी ज्यादा है।