एआरटीओ कार्यालय बना अबैध वसूली का हब

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artoफर्रुखाबाद:जिले के तेज तर्रार जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह चौहान के लाख प्रयास के बाद भी एआरटीओ कार्यालय में दलाली हावी है| जनता के जेब पर डांका ही नही बल्कि यह कहिए कि सब मिलकर डकैती डालते है| लेकिन अधिकारीयो कि जेबे गर्म होने के कारण कोई कुछ बोलने को तैयार नही है| जनता से चालक लाइसेन्स बनने का नाम पर दो गुने से भी अधिक रकम बसूली जाती है| उसके बाद भी लोगो को बाबूओ के पास कई-कई चक्कर लगाने पड़ते है| तब कही जाकर चालक लाइसेन्स मिलता है| एआरटीओ देवमणी भारती अपने चहेते दलालों के साथ घर पर ही अपना दरवार लगाते है|

फतेहगढ़ के एआटीओ कार्यालय में कार्यरत सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ वर्षा से दलालों का जमावड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बिना रिश्वत व इन दलालों के बिना किसी आम आदमी का काम होना असम्भव है और बगैर इन दलालों के डीएल आदि बन ही नहीं पाता है। इस कार्यालय में लर्निंग व परमानेन्ट लाईसेंस बनवाने आये लोगों से जमकर वसूली की जाती है। अपना वर्चस्व जमाये इन दलालों के माध्यम से यहां के अधिकारियों को अच्छी-खासी रकम मिलती है। सूत्र बताते है कि एआरटीओ अपने घर ही काली कमाई का दरवार लगाते है और जनता उन्हें कार्यालय में खोजती रहती है|
कितने रुपये कि होती बसूली
लार्निग लाइसेन्स 90 रुपये कि जगह 600 रुपये, परमानेन्ट लाइसेन्स जारी करने के लिये 300 रुपये कि जगह पर 1300 से 1500 रुपये, मोटर साइकिल व कार की ट्रांसफर फ़ीस 100 रूपये कि जगह 2000 रुपये की बसूली करते है| इसके साथ ही साथ जो दलाल एआरटीओ के चहेते है वह फलफूल रहे है| जनता की जेब पर डाका डाला जा रहा है|