देखे और पढ़े देश के 10 सबसे अमीर मंदिर

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mandirपद्मनाभस्वामी मंदिरः तिरुवनंतपुरम, केरल स्थित इस मंदिर के खजाने के बारे में सुन कर ही लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं। इस मंदिर में कई क्विंटल सोना और हीरे-जवाहरात मिले, जिनकी कीमत एक लाख करोड़ रुपये आंकी गई। इस खजाने के मिलने के साथ ही शयन मुद्रा में विराजमान विष्णु भगवान की मूर्ति वाला पद्मनाभस्वामी मंदिर दुनिया का सबसे अमीर मंदिर बन गया है। पद्मनाभस्वामी मंदिर के तहखाने खोले गए तो उसमें से निकला खजाना देखकर देश ही नहीं पूरी दुनिया की निगाहें फटी की फटी रह गईं। मंदिर में अरबों-खरबों का खजाना निकला जबकि अब तक उसके सारे दरवाजे खोले तक नहीं गए हैं। वैसे देश के तमाम मंदिर हैं जो भक्तों की आस्था और खुले मन से किए गए दान के चलते अरबों-खरबों की संपत्ति जुटा चुके हैं। देखिए देश के सबसे अमीर मंदिरों में शामिल 10 प्रसिद्ध मंदिर।

तिरुपति बालाजीः आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में धन और वैभव के भगवान श्री तिरुपति बालाजी का मंदिर स्थित है। ऐसा माना जाता है यहां साक्षात् भगवान व्यंकटेश विराजमान हैं। यहां बालाजी की करीब 7 फीट ऊंची श्यामवर्ण की प्रतिमा स्थापित है। 650 करोड़ रुपये की वार्षिक आय के साथ तिरुपति बालाजी मंदिर भारत का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है। अलग-अलग बैंकों में मंदिर का 3000 किलो सोना जमा है जबकि मंदिर के पास 1000 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट हैं।
शिरडी के साईं बाबाः शिरडी स्थित साईं बाबा का मंदिर महाराष्ट्र के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। इस प्रसिद्ध मंदिर के पास 32 करोड़ रुपये के अभूषण हैं और ट्रस्ट ने 450 करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है। इस मंदिर की संपत्ति और आय दोनों ही अरबों में है। 6 लाख कीमत के चांदी के सिक्के हैं। साथ ही, हर साल लगभग 350 करोड़ का दान आता है।
वैष्णो देवी मंदिरः कटरा, जम्मू कश्मीर स्थित वैष्णो देवी मंदिर में तिरुपति बालाजी मंदिर के बाद देश में सबसे ज्यादा भक्त दर्शन के लिए जाते हैं। यहां हर साल सैकड़ों किलो सोने-चांदी के आभूषण चढ़ाए जाते हैं। माता वैष्णो देवी मंदिर की सालाना आय 500 करोड़ रुपये है।
गुरुवयूर मंदिरः केरल देवासन बोर्ड के अधीन श्री कृष्ण मंदिर गुरुवयूर केरल में स्थित है। यह मंदिर विष्णु भगवान का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर लगभग 5000 साल पुराना है। गुरुवयूर मंदिर वैष्णवों की आस्था का केंद्र है। अपने खजाने के कारण यह मंदिर भी भारत के 10 सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में सालाना 200 करोड़ रुपयों का चढ़ावा आता है।
सिद्धिविनायक मंदिरः मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर, महाराष्ट्र में दूसरा सबसे अमीर मंदिर है। गणेश भगवान का यह मंदिर मुंबई की पहचान से जुड़ा है। इसे सिलेब्रिटी मंदिर कहा जाता है क्योंकि बॉलिवुड का लगभग हर सिलेब्रिटी इस मंदिर में माथा टेकने आता है। हर साल इस मंदिर में लगभग 50 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ता है। इसके 125 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा है।
सोमनाथ मंदिरः सोमनाथ मंदिर की गिनती 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में होती है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह पर स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने किया था। इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। इसे अब तक 17 बार नष्ट किया गया है और हर बार इसका पुनर्निर्माण किया गया। सोमनाथ में हर साल करोड़ों को चढ़ावा आता है। इसलिए ये भारत के अमीर मंदिरों में से एक है।
श्री जगन्नाथ मंदिरः पुरी का ये मंदिर भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ है जगत का स्वामी। इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। इस मंदिर को हिंदुओं के चार धाम में से एक गिना जाता है। यह वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है। पुरी जगन्नाथ मंदिर भारत के 10 अमीर मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के लिए जो भी दान आता है। वह मंदिर की व्यवस्था और सामाजिक कामों में खर्च किया जाता है। इस मंदिर की संपत्ति 2500 करोड़ रुपयों से भी ज्यादा है।
काशी विश्वनाथ मंदिरः वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर का हिंदू धर्म में एक विशिष्ट स्थान है। वर्तमान मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा 1780 में करवाया गया था। बाद में महाराजा रंजीत सिंह द्वारा 1853 में 1000 किलोग्राम शुद्ध सोने द्वारा इसे मढ़वाया गया था। काशी विश्वनाथ भी भारत के अमीर मंदिरों में से एक है।
मीनाक्षी अम्मन मंदिरः तमिलनाडु में मदुरै शहर में स्थित मीनाक्षी अम्मन मंदिर प्राचीन भारत के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। मीनाक्षी अम्मन मंदिर विश्व के नए सात अजूबों के लिए नामित किया गया है। यह मंदिर भगवान शिव व मीनाक्षी देवी पार्वती के रूप के लिए समर्पित है। मीनाक्षी मंदिर पार्वती के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। मंदिर का मुख्य गर्भगृह 2500 वर्ष से अधिक पुराना माना जा रहा है। यह मंदिर भी अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर में हर साल लगभग 6 करोड़ नकदी और करोड़ों के जेवरात चढ़ाए जाते हैं।