इंसाफ मिलने के इंतजार में ब्रिटिश कमरे में कैद 70 आत्मा

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jaarफर्रुखाबाद: बीते कई वर्षो से इंसाफ मिलने के इंतजार में पोस्टमार्टम हॉउस के उस कमरे में कैद है जिसे अंग्रेजी शासन काल में निर्मित किया गया था| तकरीबन 70 से अधिक पुराने विसरा अभी भी कैद है| जिन्हें नष्ट करने की तैयारी चल रही है|

बीते कुछ माह पूर्व अधिकारियो ने सौकड़ो बिसरा नष्ट करा दिए थे| फिर भी आंकड़ो पर अगर गौर करे तो पांच 2011 से लेकर वर्ष 2013 तक पोस्टमार्टम हॉउस में दर्जनों जारो में बिसरा सड़ रहे है| जबकि यह 6 महीने के अन्दर नष्ट हो जाने चाहिए| पिछले महीनों में हुये आदेशो पर अगर गौर करे तो पोस्टमार्टम होने के बाद अगर बिसरा सुरक्षित किया जाता है तो उसे सम्बन्धित थाना पुलिस को सौप दिया जाता है| लेकिन पिछले कई वर्षो से रखे विसरा केबल बदबू ही मार रहे है|

पोस्टमार्टम हॉउस में रखे कुल बिसरा में से एक बिसरा डॉ० प्रियंका पाण्डेय का भी है| जिनकी मौत 11 मई 2011 को हो गयी थी| यह घटना काफी दिन चर्चा का विषय भी रही थी| सूत्रों की माने तो अधिकरियोकी सहमती से सभी बिसरा नष्ट करने की तैयारी चल रही है|