फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) कभी-कभी हमारे आस पास कुछ इस तरह हो जाता है की अपनी आँखों पर यकीन करना ही मुश्किल हो जाता है| इसे कुदरत का करिश्मा कहे या एक करतब लेकिन यह बाक्या है बिलकुल ही सही| वह मौरम देखकर ही उस पर टूट पड़ता है, उस पर जहर का भी कोई असर नही होता, जहर भी कोबरा का जिसको देखकर ही बहुत से लोग डर के मारे दम तोड़ देते है| वह इस तरह के सांपो को खेल-खेल में चबा लेता है| एक किलो मौरम को मात्र दस मिनट में ही चट कर जाता है शहंशाह|
फतेहगढ़ क्षेत्र के ग्राम नेकपुर कला निवासी हंसराज उर्फ़ शहंशाह पुत्र भजनलाल को मौरम खाने का शौक बचपन से ही है| बात तकरीबन 30 साल पहले की है| शाहंशाह के पिता राज मिस्त्री का काम करते थे| वह उनके साथ अक्सर आया जाया करता था| शाहंशाह को मकान बनाने का कारीगर बनने का शौक भी बचपन से ही था| पिता के साथ जाकर वह राजमिस्त्री के गुर सीखता था| शाहंशाह बताते है की उन्हें एक दिन पेट इ कुछ अजीब सा महसूस हुआ तो उसे वही पड़ी बालू खाने की इच्छा हुई तो उसने कुछ बालू मुंह में रख ली| जिसमे उन्हें स्वाद लगा| धीरे-धीरे शहंशाह का यह शौक हो गया| जब तक उसे बालू खाने को नही मिलती उसका किसी काम में मन नही लगता|
एक दिन आया जब उस उसे कही भी बालू खाने को नही मिली उसका हाल बेहाल होने लगा| तो उसने मजबूरी में पड़ी मौरम को मुठ्ठी में लेकर मुंह रख लिया| उसे इसका स्वाद बालू से कही अच्छा लगा| फिर क्या था शाहंशाह का यह रोज काकाम हो गया| वह बालू को दालमोट की तरह चबा कर खाता है| आज का आलम यह है की वह दस मिनट में तकरीबन एक किलो मौरम को चबा लेता है| शाहंशाह बताते है की वह कभी बीमार नही पड़ा, उसका पेट कभी खराब नही हुआ, उसे मसालेदार सब्जी पसंद है, एक किलो मौरम खाने के बाद वह खाना भी खाते है|
कोवरा के जहर का भी असर नही होता
शाहंशाह तो आखिर शाहंशाह ही है उस पर कोबरा के जहर का भी कोई फर्क नही पड़ता है| उसका कहना है कुछ साल पूर्व वह अपनी भैसके लिये चारा लेने गया था तो उसे एक कोबरा ने डस लिया लेकिन उसे कुछ नही हुआ बल्कि उसे कोबरा पर इतना गुस्सा आया की उसने कोबरा को दांतों से चबा लिया|
क्या कहते है चिकित्सक
लोहिया अस्पताल के नाक,कान, गला रोग विशेषज्ञ मनोज रतमेले ने बताया की इस तरह की मौरम-बालू खाने से गले पर कोई असर नही होता| इसके अलावा मौरम को युवक के शरीर ने स्वीकार कर लिया हो| वह कोई जहरीली चीज नही है| शौच के रास्ते सब बाहर भी हो जाता होगा|