फर्रुखाबाद: आदेश तो आदेश है वह तो केबल देने भर के लिये ही होता है| अब कौन इसका पालन कितना करता है यह उसकी वफादारी पर निर्भर करता है| आदेश को मानने के लिए कोई दबाब नजर नही आता है| चोर जब वफादारी साबित करने के लिये किसी नामचीन व्यक्ति को मध्यस्थ बना लेता है तो कोई कर भी क्या सकता है|
यही इन दिनों जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग में किये जा रहे ड्रेस वितरण में हो रहा है| जनपद के सरकारी विधालयो में हो रहे रेडीमेड ड्रेस वितरण में जो धांधली चल रही है| उस पर कोई बोलने बाला नही| आदेश के बाद भी सत्ता धारी नेताओ के गुर्गे मजे से गरीब बच्चों को रेडीमेड ड्रेस वितरण कर अच्छी कमाई कर रहे है| बच्चे तो ड्रेस मिलने से खुश नजर आते है लेकिन उन्हें उनके साथ हुये फर्जीबाड़ा की भनक तक नही लगती|
गुरुवार को कमालगंज विकास खण्ड के खुदागंज प्राथमिक विधालय के साथ साथ तीन विधालयो में ड्रेस वितरण किया गया| जिनमे रेडीमेड ड्रेसे ही समाजवादी पार्टी से कमालगंज के व्लाक प्रमुख रशीद जमाल वितरण करा दी गयी | प्रधानपति ने इसका विरोध भी किया लेकिन सत्ता का चोला डाले खंड शिक्षा अधिकारी ने प्रधान के विरोध को दरकिनार करते हुये ड्रेसो का वितरण करा दिया| सूत्रों के अनुसार ड्रेस वितरण में मुख्य अतिथि के रूप में बेसिक शिक्षा अधिकारी योगराज सिंह को आना था लेकिन जब उन्हें रेडीमेड ड्रेस वितरण कराये जाने की भनक लगी तो उन्होंने अपनी साख बचाने के लिये कार्यक्रम में जाना मुनासिब नहीं समझा|
जबकि उनका नाम बैनर पर मुख्य अतिथि के रूप में अंकित था| इस दौरान प्रधानपति और खंड शिक्षा अधिकारी सुमित वर्मा से कहासुनी हो गयी| इसके बाद भी ड्रेस वितरण कर दिया गया| विधालय में 121 बच्चो को ड्रेस वितरण किया गया| इसके अलाबा कन्या प्राथमिक विधालय, पूर्व माध्यमिक विधालय का भी ड्रेस वितरण इसी कार्यक्रम में किया गया| वही विधालय के शौचालय भी खस्ता हाल है वर्षो से सफाई तक नही हुई|
ठीक यही हाल जनपद के अन्य व्लाको में भी ड्रेस वितरण का है| मजे की बात यह है की जिलाधिकारी एनकेएस चौहान के काफी प्रयास के बाद भी ड्रेसो के वितरण में धांधली कम नही हुई| शमसाबाद, मोहम्दाबाद व राजेपुर में भी जमकर रेडीमेड ड्रेसो का वितरण सत्ताधारी नेताओ के संरक्षण में किया गया है| मजे की बात यह है कि जाँच तो वही करेगे जिनके खिलाफ मामला है| जाँच होगी भी तो अपनी बचाने के चक्कर में फाइलो में दबकर दफन हो जाएगी|