फर्रुखाबाद:(कमालगंज) : ख्वाजा अहसन अली शाह के उर्स में अंतिम दिन कुल शरीफ में कव्वालियों की गूंज के बीच सज्जादानशीन से मुसाफे के लिए अकीदतमंदों का तांता लगा रहा।
शेखपुर की ऐतिहासिक दरगाह अहसनी महमूदी पर चल रहे 114वें तीन दिवसीय उर्स के अंतिम दिन सोमवार सुबह खानकाह से सरकारी गागर चादर दरगाह शरीफ पर चढ़ाई गई। इसके बाद हुए कुल शरीफ में नामचीन कव्वालों ने उम्दा कलाम पेश कर शमां बांधा। कव्वालियों की गूंज के बीच फतेहगढ़ की दरगाह सत्तारिया के सज्जादानशीन मिर्जा हसन अशरफ ने सज्जादानशीन ख्वाजा आमिर महमूद की दस्तारबंदी की रस्म अदा की। साहिबे सज्जादा से मुसाफा के लिए अकीदतमंदों का तांता लगा रहा। दरगाह सरपरस्त मकसूद अहसन मन्नू मियां ने सारिक महमूद व फायक महमूद को नायब सज्जादा घोषित कर दस्तारबंदी की। दरगाह शरीफ पर मुरीदीन ने चादर व गुलपोशी कर दुआएं मांगीं।
फातहा ख्वानी के बाद सज्जादानशीन ने देश में अमन चैन के लिए दुआएं खैर कर उर्स का इख्तिमाम कराया। दरगाह शरीफ पर उर्स के तीन दिन मेला लगा रहा। हाफिज खुर्शीद आलम खां ने कार्यक्रम का संचालन किया। जिला पंचायत अध्यक्ष तहसीन सिद्दीकी, विधायक पुत्र अरशद जमाल सिद्दीकी आदि मौजूद रहे।
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