फर्रुखाबाद: स्वास्थय विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण दलित कुसुमा देवी को सरेआम दिन दहाड़े सड़क पर ही प्रसव हो गया| इस बात से गुस्साई जिलाधिकारी मिनिस्ती एस ने डाक्टर व नर्स को निलंबित करने व आशा को बर्खास्त करने का फरमान जारी कर दिया|
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरौन के गाँव नया नगला निवासी मजदूर रमेश जाटव की २४ वर्षीय पत्नी रिक्शे से प्रसव कराने के लिए लोहिया अस्पताल जा रही थी| आवास विकास कालोनी के सामने बढपुर मुख्य मार्ग पर महिला को प्रसव पीड़ा हुयी तो उसे भाभी गुड्डी ने रिक्शे से नीचे उतारा| गाँव की आशा सरोज वेगम उर्फ़ बेबी के सहयोग से कुसुमा को सड़क के किनारे ही प्रसव कराया गया| राहगीर अचरज भरी निगाहों से इस नज़ारे को देखते रहे| रिक्से से ही ले जाकर महिला को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया|
इस बात की जानकारी होने पर जिलाधिकारी मिनिस्ती एस सायं लोहिया अस्पताल पहुँची| उन्होंने कुसुमा व भाभी गुड्डी से जानकारी प्राप्त करने के बाद सीएमओ डॉ पीके पोरवाल से गहरी नाराजगी जाहिर की ऐसे मामलों में भी एम्बूलेंस का उपयोग नहीं हो पा रहा है| परिवार कल्याण के सीएमओ डॉ लल्लन प्रसाद की क्लास लेते हुए कहा कि इस मामले में डाक्टर, एएनएम व आशा की बेहद लापरवाही है|
एक नर्स ने सफाई देने की कोशिश की तो डीएम ने उसे बुरी तरह लताड़ते हुए खामोश रहने को कहा| तीसरा बच्चा (पुत्री) होने के कारण डीएम ने महिला को नसबंदी कराने की सलाह देते हुए २ हजार रुपये मिलने की भी जानकारी दी|
डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कर्मचारी आधे समय ही ड्यूटी का कार्य करते हैं| उन्होंने कर्मचारियों को सक्रिय को सक्रिय किये जाने तथा प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थय केंद्र पर एम्बूलेंस उपलब्ध कराये जाने की हिदायत दी| साथ ही ऐसी लापरवाही होने पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी| डीएम के कड़े तेवर देखकर अस्पताल कर्मचारियों में हडकंप मच गया| डॉ पीके पोरवाल ने बताया कि बरौन पीएचसी पर डाक्टर अनुज त्रिपाठी की तैनाती है|