नई दिल्ली। आठ बजे की शुरुआत आज एक सवाल से। कल सुबह जब आप अखबार पढ़ेंगे तो उसमें सबसे ज्यादा तस्वीरें किसकी होंगी। आप सोच रहे होंगे कि ये कैसा सवाल है। लेकिन ये सवाल आज इस वक्त देश की एक अहम सियासत की तरफ इशारा कर रहा है और इसीलिए अहम है।
आपको जवाब हम देते हैं। कल अखबारों में सबसे ज्यादा तस्वीरें होंगी सरदार पटेल के जन्मदिन से जुड़ी हुई। राष्ट्रीय एकता दिवस से जुड़ी हुई। लेकिन क्या आपको याद है कि कल यानि 31 अक्टूबर को देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि भी है। मुमकिन है कुछ को ये याद होगा, लेकिन बहुत से लोग इससे अनजान होंगे।
इस बात की भी पूरी संभावना है कि देश को याद दिलाने के लिए कल अखबारों में उस नेता की बड़ी-बड़ी तस्वीरें नहीं होंगी। वजह ये क्योंकि उस बड़े नेता का नाम इंदिरा गांधी है। अखबारों में तस्वीरें होना या ना होना छोटी चीज है, लेकिन ये बड़ा संकेत है आने वाली राजनीति के लिए। आज सरदार पटेल और इंदिरा गांधी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच बयानबाजी हुई।
कल बीजेपी सरकार देश में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजय चौक से एकता दौड़ को हरी झंडी दिखाएंगे। कांग्रेस बनाम बीजेपी की लड़ाई अब सरकार पटेल बनाम इंदिरा गांधी की बन गई है। एक देश की पूर्व प्रधानमंत्री, एक देश के पूर्व गृहमंत्री। एक देश ने देश पर 15 साल तक राज किया, दूसरे ने देश को एक सूत्र में पिरोया।
दोनों ही नेताओं को ये देश 31 अक्टूबर को हमेशा याद करता है। एक को इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री रहते उनके ही सुरक्षाकर्मियों ने उनके ही घर में उनकी हत्या कर दी थी। और एक को इसलिए क्योंकि 31 अक्टूबर को उनका जन्मदिन होता है। लेकिन इस बार कांग्रेस के इन दोनों नेताओं को याद करने का तरीका बदल गया है। मोदी सरकार की तैयारी 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाने की है। 31 अक्टूबर को खुद प्रधानमंत्री मोदी विजय चौक से एकता दौड़ को हरी झंडी दिखाएंगे। ऐसी ही दौड़ देश के अलग-अलग हिस्सों में होगी। तमाम सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में कर्मचारियों और बच्चों को एकता की शपथ भी दिलाई जाएगी।
ऐसे में बीजेपी सरकार पर कांग्रेस आरोप लगा रही है कि सरदार पटेल के मोह में सरकार इंदिरा गांधी की शहादत को भूल रही है। पार्टी ने कहा है कि देश के बड़े नेताओं का पार्टी से उठकर सम्मान होना चाहिए। हालांकि बीजेपी कांग्रेस के आरोप को सिरे से खारिज कर रही है। बीजेपी ने कहा है कि सरकार पटे ने देश को एक सूत्र में पिरोकर एकता का संदेश दिया था और अब मोदी सरकार उनके विजन को ही आगे बढ़ा रही है।
कैमरे पर दिए जा रहे बयानों से अलग राष्ट्रीय एकता दिवस में बहुत से संदेश भी छिपे हैं। बीजेपी की सोच है कि कांग्रेस के शासन के दौरान देश के दूसरे महापुरुषों को नजरअंदाज कर नेहरू-गांधी परिवार पर कुछ ज्यादा ही ध्यान दिया गया। सरदार पटेल के जन्मदिन पर राष्ट्रीय पर्व मनाकर पार्टी ये भी संदेश दे रही है कि पटेल ने देश को एक किया जबकि कांग्रेस देश को बांटती रही।
लाख टके का सवाल ये कि क्या कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शक्तिस्थल जाएंगे, शक्तिस्थल यानि इंदिरा गांधी की समाधि। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उन्होंने मोदी को वहां आने का न्यौता नहीं दिया है। इस बीच आईबीएन 7 के खास कार्यक्रम 8 बजे में बीजेपी की बड़ी नेता मीनाक्षी लेखी ने साफ कहा कि मोदी को वहां कतई नहीं जाना चाहिए, अगर वो जाते हैं तो गलत संदेश जाएगा।
बता दें कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए किसी नेता को भेजने से इनकार कर दिया था। हमने बात की हाल ही प्रवक्ता पद से हटाए गए शशि थरूर से। थरूर ने कहा कि इंदिरा की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने मोदी सरकार को ये भी हिदायत दी कि उसे ये याद रखना चाहिए कि इंदिरा गांधी की मौत किन हालात में हुई।