डेस्क: अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मोदी सरकार ने अब सरकारी खर्चों में कटौती का फैसला किया है। नए फैसलों के तहत सरकार के मंत्री और नौकरशाह अब अपने विमान सफर में फर्स्ट क्लास का इस्तेमाल नहीं करेंगे और न ही उन्हें पांच सितारा होटलों में बैठक करने की इजाजत होगी। सार्वजनिक उपक्रमों के अफसरों पर भी यह नियम लागू होगा।
नए वाहनों की खरीद और नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई है। एक साल से ज्यादा वक्त से खाली पड़े पदों पर भी बहाली बेहद जरूरी होने पर ही होगी। सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.1 फीसदी तक सीमित रखना चाहती है और यही वजह है कि वह खर्चे घटाने के लिए ये कदम उठा रही है। सरकार की ओर से जारी मेमोरेंडम में कहा गया है कि अफसरों को विभिन्न श्रेणी में हवाई यात्रा करने की इजाजत देते वक्त खर्च का ध्यान रखा जाएगा।
लेकिन फर्स्ट क्लास में कोई बुकिंग नहीं होगी। बैठक करने के लिए यात्रा करने के बजाय वीडियो कांफ्रेंसिंग को तरजीह देनी होगी। वित्त मंत्रालय के मुताबिक सेना, अर्द्धसैनिक बलों और रक्षा संगठनों के लिए नए वाहन खरीदे जाएंगे लेकिन दूसरे विभागों में नए वाहनों की खरीद नहीं होगी। नए फैसलों के तहत बेहद जरूरी सम्मेलन और सेमिनार ही आयोजित होंगे।
विदेश में कारोबार को बढ़ावा देने वाली प्रदर्शनी, सम्मेलन या सेमिनार के अलावा दूसरे कार्यक्रमों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। हर श्रेणी की हवाई यात्रा में सबसे कम दर वाले टिकट ही खरीदे जाएंगे। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्राओं में कोई मुफ्त टिकट नहीं मिलेगा।
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