(नानक चन्द्र की कलम से)
फर्रुखाबाद: आज सुबह ८ बजे से आरम्भ हुए अखिल भारतीय अनुसूचित जाति/ जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा बोधिसत्व बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के 54वें परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर फतेहगढ़ प्रतिमा स्थल पर श्रद्धांजलि व गोष्ठी का आयोजन किया गया|
बाबा साहेब की प्रतिमा पर प्रांतीय महामंत्री अति० नानक चन्द्र, नगर मजिस्ट्रेट हरिशंकर, जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह, उपाध्यक्ष हंसराज, आरसी गौतम, डॉ बादशाह, आरडी बौद्ध, सोबरन सिंह, जवाहर सिंह गंगवार, डॉ रामक्रष्ण राजपूत, पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत आदि अनुयायीयों ने माल्यार्पण किया|
बुद्ध वन्दना, पंचशील उच्चारण के पश्चात विचार गोष्ठी में नानक चन्द्र ने कहा कि “बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस पर उनके दिए गए तीन मूल ग्रंथों में से प्रथम मूल मन्त्र शिक्षित बनो.” इस मन्त्र पर तो आज उनके अनुयायीयों ने सफलता पा ली है परन्तु द्वितीय संगठित बातों पर पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पा रहे हैं| इसका मुख्य कारण जातियों में जातिवाद तथा क्षेत्रवाद से उठकर संगठन की ताकत जब तक नहीं बन सकेगी उनका शोषण नहीं रोका जा सकता है|
इस अवसर पर नगर मजिस्ट्रेट हरिशंकर ने कहा कि बाबा साहेब व बुद्ध के दर्शन कर उनके दिए गए सुझावों का अनुसरण करें| उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने सभी धर्मों के अनुसरण करने वाले व्यक्तियों व महिलाओं के बराबरी का दर्जा देने की बात कही| जिसका कानूनी प्रक्रिया के तहत अनुसरण आपके समक्ष है| उन्होंने समस्त उपस्थित कर्मचारियों को बाबा साहेब के दर्शन से प्रेरणा लेकर कार्य करने को कहा|
डॉ रामक्रष्ण राजपूत ने बाबा साहेब के विचारों को विस्तृत रूप से प्रचार-प्रसार करने एवं उनके बताये गये मार्गों पर चल वास्तविकता में अनुसरण करने की बात कही| पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत ने कहा कि बाबा साहेब की श्रद्धांजलि दिवस पर नारे समाज को उनके लिखित ग्रंथों को पढ़कर उनका अनुसरण करना चाहिए| उन्होंने कहा कि लोग बाबा साहेब को राजनैतिक दायरे में बाँधना चाहते हैं जो कि गलत है|
कार्यक्रम की अध्यक्षता परशुराम ने की और कहा कि बाबा साहेब के सिद्धांतों व ग्रंथों की वैचारिक क्रांति फैलाने की आवश्यकता है| इस अवसर पर गंगा राम मिश्रा, प्रभूदयाल एडवोकेट, प्रमोद कुमार, अमित कुमार, प्यारेलाल, संतोष कुमार, बच्चन लाल, रमण भास्कर, देवेन्द्र कुमार, संगठन मंत्री दिनेश कुमार, अजय कुमार, जिलाध्यक्ष सत्यपाल सिंह आदि ने बाबा साहेब के जीवन दर्शन को पढ़कर व सीखकर सामाजिक वैचारिक क्रांति फैलाने की अपील करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की|