देखिये और पढ़िए: सरकार ने सार्वजनिक किए काले धन के 3 खातेदारों के नाम

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blackmoney_288नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने विदेशों में जमा काले धन रखने वाले तीन लोगों के नाम आज सुप्रीम कोर्ट में सौंप दिए हैं। इनके नाम हैं राजकोट के पंकज चमनलाल, डाबर समूह के निदेशक प्रदीप बर्मन और गोवा के खनन कारोबारी राधा टिम्बलू।

सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया है कि जिनके खिलाफ कार्यवाही चल रही है और जिन्हें आरोपी बनाया गया है उनका नाम सरकार कोर्ट को देगी। इस सूची में किसी भी नेता का नाम नहीं है।

सरकार के इस हलफनामे में उन तीन भारतीयों के नाम हैं जिनके खिलाफ विदेशी बैंकों में गोपनीय तरीके से पैसे रखने के मामले में जांच चल रही है। इस मामले में मोदी सरकार ने अपने पहले हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि जर्मनी की आपत्तियों के कारण वह उन भारतीयों के नामों खुलासा तब तक नहीं कर सकती है जब तक कि उनके खिलाफ फाइनेंशियल लॉ के तहत अनियमितता की जांच शुरू नहीं हो जाती। इससे पहले नामों का खुलासा करने से द्विपक्षीय समझौते की शर्तों का उल्लंघन होगा।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील राम जेठमलानी की याचिका पर कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह बेईमानी से विदेशी बैंकों में जमा किए गए भारतीय पैसों को वापस लाने के लिए उच्च स्तरीय टास्क फोर्स गठित करे। कोर्ट के आदेश पर तब की यूपीए सरकार ने जेठमलानी से उन भारतीयों नामों का खुलासा किया था जिनके अकाउंट लिचटेंस्टाइन बैंक में थे और जर्मन सरकार ने दोहरे कराधान बचाव समझौते के तहत सूचना मुहैया कराई थी।

इस बीच डाबर ग्रुप की ओर से इस मामले में प्रतिक्रिया आई है। डाबर परिवार का कहना है कि हमारा कारोबार उच्च मानदंडों के प्रति समर्पित है। हम ये कहना चाहते हैं कि ये खाता तब खोला गया था जब वो एनआरआई थे। उस वक्त कानूनी तौर पर उस खाता को खोलने की इजाजत थी। हमने कानून के मुताबिक सारी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को दी थी और उचित टैक्स भी अदा किया था। लिहाजा ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस भी शख्स का विदेशी बैंक में खाता है उसको कालेधन से जोड़ा जा रहा है । [bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]