एमओआईसी नवाबगंज सहित तीन के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर

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फर्रुखाबाद: जाँच कराए बिना ही उम्र की सत्यापन रिपोर्ट लगा देना नवाबगंज सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी को भारी पड़ गया है| नवाबगंज ब्लॉक के एक राशन कोटेदार ने तत्कालीन ग्राम प्रधान और चिकित्साधिकारी से सांठ-गाँठ कर अपनी उम्र 60 वर्ष करवाकर वृद्धावस्था पेंशन बनवा ली| वर्तमान ग्राम प्रधान ने जानकारी होने पर तीनों के खिलाफ सीजेएम न्यायालय में याचिका दायर कर दी| अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद कोतवाली कायमगंज को तीनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है|

कोतवाली कायमगंज की ग्राम पंचायत तुर्क ललैया के ग्राम प्रधान रोहित गंगवार ने गाँव के कोटेदार महेश के खिलाफ फर्जी आयु प्रमाण पत्र के आधार पर वृद्धा पेंशन बनवा लेने के मामले में अदालत में याचिका दायर की थी| जबकि राशन कोटेदार की उम्र कई सरकारी दस्तावेजों में अलग-अलग दर्ज है| परिवार रजिस्टर में उसकी उम्र 49 साल, मनरेगा कार्ड में 34 साल, एसडीएम कायमगंज को दिए शपथ पत्र में 46 साल है| यही नहीं उसने तत्कालीन ग्राम प्रधान और सीएचसी के नवाबगंज के प्रभारी चिकित्साधिकारी से सांठ-गाँठ कर वृद्धावस्था पेंशन के प्रपत्रों में अपनी उम्र 60 साल दर्ज करवा ली| जिससे उसे वृद्धा पेंशन का लाभ प्राप्त होने लगा| वर्तमान ग्राम प्रधान ने कोटेदार पर उम्र के फर्जीवाड़े के माध्यम से सरकारी धन को हडपने का आरोप लगाया है| फर्जीवाड़ा यहीं नहीं रुका बल्कि महेश ने तत्कालीन प्रधान के सहयोग से ब्लॉक कर्मचारियों के साथ सांठ-गाँठ कर अपना बीपीएल कार्ड भी बनवा लिया| इतना होने पर भी तत्कालीन ग्राम प्रधान ने उसको गाँव का कोटेदार नियुक्त करवा दिया| जबकि नियमानुसार बीपीएल कार्ड धारक और निरक्षर व्यक्ति को कोटेदार नहीं बनाया जा सकता| परन्तु उसने सारे तथ्य छिपाकर राशन कोटा कब्जा लिया| अब वह राशन की काला बाजारी कर रहा है| यह सब खेल कूटरचित गैर कानूनी दस्तावेज तैयार कर किया गया| ग्राम प्रधान के वकील उपेन्द्र पाठक ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राधेश्याम यादव ने मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद कोतवाली कायमगंज के प्रभारी निरीक्षक को सभी दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है|