फर्रुखाबाद: बीते चार दिन पूर्व किराये का सामान ले जाने के बहाने ट्रेक्टर मालिक व् चालक को नशीला पदार्थ खिलाकर लूट को अंजाम दे दिया गया था| पीड़ित जब इसकी शिकायत करने थाने गए तो पुलिस ने ट्रेक्टर मालिक पर ही लूट खुद कराने का आरोप लगाकर जमकर पिटाई कि| जिसके बाद दोनों को रकम लेकर छोड़ा गया| पीड़ित खाकी के डर कि वजह से मुंह खोलने को तैयार नही| सबाल यह है कि लूटा गया ट्रेक्टर मलिक के ही नाम पर है| फ़िलहाल खाकी के डर से वह थरथर कांप रहे है|
मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के ग्राम गढिया निवासी गंगा सिंह वाथम ने बीते आठ नबम्बर 2012 को आयशर ट्रेक्टर संख्या यूपी 76पी 5424 नेकपुर कि ट्रेक्टर एजेंसी से अपना सारा खेत बेंच कर खरीदा था| जिसे वह किराये पर चला कर परिवार का पेट पाल रहा था | बीते 1 अक्तूबर को 2000 किराये पर ट्रेक्टर बेबर से भोलेपुर सामान लाने के लिए बुक किया था| फिर दोनों को मोहम्दाबाद क्षेत्र के आस-पास नशीला पदार्थ पिला कर ट्रेक्टर व् ट्राली लूट ली गयी थी|
नशे की हालत में किसी ने उन्हें बेबर से किसी बस में बैठा दिया था| पीड़ित ट्रेक्टर मालिक गंगा सिंह की पत्नी नन्ही देवी ने 2 अक्टूबर को थाने में तहरीर दी थी| जिसके बाद पीड़ित गंगा सिंह व् चालक रवि शाक्य थाने में गये जंहा पुलिस ने उन्हें बैठा लिया| और उन पर यह कहकर मारपीट शुरू कर दी| यह तब पुलिस ने किया जब वह घटना अपने थाना क्षेत्र कि नही बता रही है| दोनों को जमकर पटे से पिटाई कि| पुलिस कि मारपीट से वह बेदम हो गये| जिसके बाद एक काँग्रेस नेता के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने दोनों को धमकी देते हुए छोड़ दिया| लेकीन पुलिस कि मारपीट से घायल पीड़ित दहशत में है| फ़िलहाल पीडितो ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर शिकायत करने कि बात कही है| सबाल यह उठता है कि जव् थानेदार लूट का मुकदमा नही लिख रहे घटना अपने थाना क्षेत्र कि नही बता रहे तो फिर पीडितो को मारपीट करने करने का अधिकार कहा से आ गया|
इस सम्बन्ध में अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने बताया कि पुलिस मैनुअल एक्ट के तहत पुलिस किसी भी व्यक्ति को जाँच पड़ताल के दौरान मारपीट नही कर सकती| यदि पुलिस यह करती है तो यह कानून का उलंघन है| इसमे पुलिस पर कार्यवाही कि जा सकती है|
घटना के सम्बन्ध में सांसद मुकेश राजपूत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है| उन्होंने कहा कि पुलिस ने जिस तरह पीड़ित कि सुने बिना ही, उसको न्याय मिले बिना है| खुद पीड़ित को मारपीट रही है| जो किसी भी सूरत में उचित नही है| यह कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही होंनी चाहिए|