मन मैला और झाड़ू लगाई….. या पॉपुलरिटी के लिए फोटो खिचाई….

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ganga 7फर्रुखाबाद: शहर के तकरीवन दो दर्जन से अधिक संगठन गंगा को लेकर अक्सर अखबारों में सुर्खिया बटोरते नजर आते है| लेकिन जब गंगा की सफाई की बात आती है तो अपने पैर पीछे खीच लेते है| गंगा का किनारा गन्दा का गंदा ही रहता है|
2 अक्टूबर को गाँधी जयंती पर जनपद में जगह-जगह फोटो खिचाते लोगो को देखा जायेगा| अखबारों के कम से कम झौआ भर झाड़ू लगाते सरकारी और नेताओ की फोटो छापेंगे मगर क्या कोई गंगा पल की पूर्वी घाट पर जकर सफाई करेंगे जहाँ पड़ोस के गाव के लोग गंगा की रेती में शौच करके गंगा में अपना पिछवाड़ा धोते मिल जाते है| कुछ समय के बाद वही मल आगे बढ़ जाता है जहाँ स्वर्ग की तलाश में आये लोग अपने परिजनों को अग्नि को समर्पित करने से पहले मलयुक्त गंगा जल में नहलाते है| लानत है ऐसी सफाई पर जिसमे मन और नियत प्रदूषित हो|

सरकारी हो या गैर सरकारी सभी अपने को अखबारों में छपाने के लिए हांथो में झाड़ू लिए नजर आयेगे| लेकिन सवाल लाख टके का ये है की क्या फोटो सेशन से शहर साफ हो जायेगा| जब सफाई ही करनी हो तो ऐसी जगह पर क्यों ना की जाये जंहा पर हकीकत में गंदगी हो| लेकिन वंहा कोई जाना नही चाहता| बीते दिनों हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष राघव दत्त मिश्रा द्वारा टाउनहाल की सीढियों पर झाड़ू लगायी| प्रश्न सामने आया की आखिर वही क्यों लगायी गयी झाड़ू| क्या नगर पालिका में सफाई कर्मी नही और वह क्या सफाई नही करते यदि नही करते तो उन पर कार्यवाही होनी चाहिए| लेकिन इसके लिए टाउनहाल चुना गया| फोटो सेशन कराया गया लेकिन क्या सफाई हुई| नहीं, गंदगी तो मन में ही है| सफाई के बहाने अखबारों में फोटो छपवाने की| ३ अक्टूबर के अखबारों में बड़े-बड़े शब्दों में सुर्खिया बनने वाली है- फलां तीस मार खान से फलां जगह झाड़ू लगाई| हर फोटो छपाने का शौक़ीन सेठा और अफसर सिर्फ अपने घर के आसपास ही सफाई भर कर ले तो नगर चमचमा जायेगा|
पहले से तय हो गए सफाई फोटो स्थल-
वही कल दो अक्टूबर को प्रधानमन्त्री की सेना में सांसद मुकेश राजपूत रोड वेज बस अड्डे पर अपने कार्यकर्ताओ के साथ झाड़ू लगाकर फोटो सेशन करायेगे| पूरी जिले की मीडिया को खबर है| वही सबाल फिर सर उठाता है की क्या बस अड्डे के पास अपने सफाई कर्मी नही है एआरएम को उनसे खड़े होकर सफाई करनी चाहिए लेकिन यह नही हो रहा| क्या सफाई अभियान का मजाक नही बनाया जा रहा है|
अब जब यह सबाल किया गया की बस अड्डे पर क्यों गंगा के किनारों को साफ क्यों नही किया जा रहा तो सख्स ने कह दिया की लोगो में जागरूकता लाने के लिए सार्वजनिक स्थान पर झाड़ू लगाई जाएगी जिससे जागरूकता आएगी| तो क्या गंगा का किनारा सार्वजनिक जगह नही? क्या गंगा की सफाई मोदी कीप्राथमिकता नही? क्या गंगा के प्रति लोगो को जागरूक नही किया जा सकता| एक सज्जन मुस्कराते हुए बोले की गंगा की पर गंदगी बहुत है जिसे थोड़ी देर में साफ नही किया जा सकता लेकिनं जंहा माननीय झाड़ू लगा रहे है वंहा कूड़ा भी कम और फोटो सेशन भी अच्छा होगा| भाई गंगा अभी मैली की मैली ही रहेगी|