नई दिल्ली: अमेरिका जाने से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ का लोगो लॉन्च करते हुए योजना की शुरुआत की। मोदी ने कहा कि मैं अपने अनुभव से कह रहा हूं कि हम भारत में विकास में नए आयाम स्थापित कर सकते हैं। देश के हालात कुछ ही महीनों में बदले हैं। कोई भी उद्योगपति बाहर जाने को मजबूर न रहे। ऐसी व्यवस्था की जा रही है। किसी भी काम को अविश्वास से नहीं विश्वास से शुरू करने की जरूरत होती है।
मोदी ने कहा कि सरकार देश के हर सामान्य नागरिक के लिए होती है। हमारी सरकार का एक मंत्र है देश के नागरिकों पर भरोसा करें। एफडीआई को परिभाषित करते हुए मोदी ने कहा कि एफडीआई हर भारतीय की जिम्मेवारी है। एफडीआई का मतलब है ‘फर्स्ट डेवलप इंडिया’। विदेशी निवेशक भारत को सिर्फ बाजार न मानें।
इससे पहले वित्त व वाणिज्य व उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘मेक इंडिया’ की शुरुआत पर कहा कि ‘मेक इंडिया’ सिर्फ एक स्लोगन नहीं है। ये कमिटमेंट है। ये एक प्रक्रिया है। नए इंफ्रास्ट्रक्चर औऱ स्मार्ट सिटी के साथ ही कॉरिडोर बनाना। भारत में रेड टेपिज्म और इंस्पेक्टर राज के चलते अभी तक ट्रांजैक्शन स्मूथ नहीं थी। आज का ये प्रोग्राम हो रहा है तब जब हम कुछ कदम आगे बढ़ा चुके हैं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि ‘मेक इंडिया’ सिर्फ एक शुरुआत है। डी-लाइसेंसिस, डी-रेगुलाइजेशऩ की शुरुआत है। हम भारत को ग्लोबल मैनुफैक्चरिंग का स्थान बनाने का सपना देखते हैं। मैनुफैक्चरिंग अभी सिर्फ 15 प्रतिशत है। जिसे हम 25 प्रतिशत करना चाहते हैं। ये एक शुरुआत है औऱ इसे हम जारी रखेंगे तब तक जब तक कि हम अपने मिशन को पूरा नहीं कर लेते।
इस कार्यक्रम में पीएम के अलावा केंद्र सरकार के आठ वरिष्ठ मंत्री भी शामिल हुए। साथ ही देश विदेश के तमाम बड़े उद्योगपति भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विज्ञान भवन आए। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, टाटा समूह के साइरस मिस्त्री, विप्रो के अजीम प्रेमजी, आदित्य बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला, चंदा कोचर, किरण मजूमदार शॉ समेत तमाम बड़े उद्योगपति इस कार्यक्रम में शामिल हुए।